छोड़े नही जायेंगे अस्पताल में उपद्रव करने वाले लोग,
जानिए ऐसा क्या हुआ जो प्रशासन सक्ती ने लिया ये फैसला


अस्पताल के सभी डॉक्टर सहित कर्मचारियों ने किया था 2 घंटे काम बंद
प्रशासन की समझाइश के उपरांत काम पर लौटे
मृतक महिला के परिजनों द्वारा रात को किया गया था हंगामा
अस्पताल के डॉक्टर सहित पुरा प्रबंधन काफी सहमा हुआ
सक्ती। 19 जुलाई की रात नगर में स्थित शासकीय मातृत्व अस्पताल के भवन में कुछ लोगों ने हंगामा कर दिया एवं अस्पताल में तोड़फोड़ भी की, जिसके विरोध में आज अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया था, प्रशासन के समझाइश के बाद सभी लोग काम पर वापस लौटे।
मिली जानकारी के अनुसार 19 जुलाई की रात करीब 10 बजे कुछ लोग एक महिला को अचेत अवस्था मे शासकीय अस्पताल लेकर पहुंचे, जिसे ड्यूटी डॉक्टर सौम्या जैन द्वारा देखा गया और मृत घोषित किया गया, जिसके बाद परिजन आपे से बाहर हो गए और डॉक्टर सहित अस्पताल के कर्मचारियों के साथ गाली गलौच पर उतर आए और अस्पताल में तोड़ फोड़ करने लगे जिसके बाद तुरंत सीएमएचओ डॉ सूरज राठौर को सूचित किया गया वहीं प्रशासनिक अधिकारियों सहित पुलिस को जानकारी दी गई जिसके बाद तत्काल प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच मामले को शांत कराए, साथ ही परिजनों को समझाइश दी गई, फिर परिजन मृतक को लेकर चले गए, इस पूरे घटनाक्रम के बाद अस्पताल के अधिकारी कर्मचारी आक्रोशित हो गए , उनके द्वारा 20 जुलाई को काम बंद कर दिया गया, जिसकी जानकारी प्रशासन सहित सीएमएचओ को हुई, जिसके बाद प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार पंकज सिंह, स्वास्थ्य विभाग से डॉ सूरज सिंह राठौर, पुलिस की तरफ से एसआई सीएम मालाकार पहुंचे और सभी को समझाया कि आपलोग लोगों की जान बचाते हैं और आप ही लोग अगर काम बंद कर देंगे तो मरीजों का क्या होगा, कहीं किसी की जान भी जा सकती है, सभी अस्पताल के लोगों ने सुरक्षा की बात की। जिस पर आश्वासन दिया गया कि जल्द ही पुलिस की तैनाती कर हॉस्पिटल में पुलिस सहायता केंद्र खोला जाएगा, जिसके बाद सभी हड़ताली लोग काली पट्टी बांध अपने अपने काम पर लौटे, जिससे मरीजों सहित लोगों ने चैन की सांस ली। इस संबंध में स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संतोष सिदार ने कहा कि प्रशासन और अपने अधिकारी की बात और आश्वासन को मान कर सभी काम पर तो लौट रहें हैं लेकिन आगे अगर ऐसी घटनाएं दोहराई गई तो हम उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
वही मामले के संबंध में बताते हुए डॉ सौम्या ने बताया कि जब उक्त महिला सकुन सिदार को अस्पताल लाया गया तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी, जिसका परीक्षण कर मैंने तत्काल परिजनों को बता दिया लेकिन परिजन कुछ सुनने को तैयार ही नहीं थे और हम लोगों के साथ अभद्रता करने लगे। बता दें कि मृतक सकुन सिदार पति गोपाल सिदार उम्र 38 वर्ष निवासी वार्ड नंबर 4 को मृत्यु से पहले उल्टी हुई और गस खाकर गिर गई जिसे अस्पताल लाया गया। वहीं सूत्रों की मानें तो सुबह से ही उक्त महिला की तबियत खराब थी और उसका इलाज किसी झोलाछाप डॉक्टर से कराया गया था, जहां महिला को राहत नहीं मिली और फिर अचानक वह रात को बेहोश हो गई।
संतोष कुमार सिदार के बताए अनुसार शासकीय अस्पताल में उपद्रव करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस कार्यवाही करते हुए एफआईआर करने के आश्वासन के पश्चात अस्पताल के अधिकारी/ कर्मचारी काम में वापस गए हैं तथा उपद्रव करने वाले लोग जब तक जेल के सालंखो के पीछे नहीं जाते तब तक अस्पताल विभाग के अधिकारी कर्मचारी काली पट्टी बांध के काम करेंगे।