सक्ती

प्रकृति का अनुपम उपहार है नगरदा वाटर फॉल

नगरदा – बारिश के मौसम में पहाड़ों और बह रहे झरनों का अनुपम दृश्य अनायास ही सबका मन मोह लेता है। एक ओर धरती जहां हरियाली की चादर ओढ़ लेती है तो वहीं पहाड़ियों की छोटी सी जलस्रोत भी नीचे आते आते वॉटर फॉल याने विशाल झरने का रूप लेकर कहीं फव्वारा तो कहीं अविरल धारा के कल कल की कर्णप्रिय ध्वनि के साथ बहती नजर आती है जिसके कारण ऐसे पहाड़ और झरने अपने आप पर्यटन स्थल के रूप में लोगों के आकर्षण का केंद्र बन जाते है ऐसा ही एक मनोरम स्थल नगरदा वाटर फाल नवीन जिला सक्ती का शान बना हुआ है, जहां बरसात में पर्यटकों की भीड़ बढ़ गई है और अन्य जिलों से भी लोग प्रकृति के इस अदभुत छटा को निहारने नगरदा पहुंच रहे हैं ।विदित हो कि सक्ती और चांपा के मध्य 15 20 किमी पर स्थित नगरदा वॉटरफॉल वन परिक्षेत्र में पहाड़ियों से घिरा हुआ खूबसूरत स्थल है, जहां आप परिवार के साथ पिकनिक, विद्यालयीन भ्रमण आदि पर जा सकते हैं जहां भगवान शिवजी का मंदिर है फलस्वरूप श्रद्धालुओं के लिए श्रावण मास शिव जी को समर्पित होने से ज्यादा भ्रमण का उपयुक्त समय है । नागरदा वाटर फाल की विशेष बात यह है कि यहां 3 प्रकार से झरना दिखाई देता है जिसमें से मध्य झरना बेहतरीन फौव्वारा के साथ गिरता है जो खासकर जुलाई से शुरू होकर दिसंबर तक रहता है क्योंकि बारिश के मौसम में यहां की खूबसूरती सबसे सुंदर नजर आता हैं। फलस्वरूप बरसात में रोज हजारों के संख्या में लोग घूमने आ रहे हैं और मौसम व प्रकृति के मिलन का आनंद ले रहे हैं। यहां आने वालों को सावधानी बरतते हुए वाटरफाल का आनंद लेना चाहिए क्योंकि बारिश में पहाड़ियों में फिसलन की स्थिति बनी रहती है ऐसे में यहां सचेत रहने की जरुरत है।  इस वाटर फाल की खूबसूरती को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग लीगल सेल के प्रदेश अध्यक्ष एवं उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने शासन प्रशासन से सुरक्षा इंतजामात के साथ इसे पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने का आग्रह किया है ।