शिक्षा के क्षेत्र व विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए उमेश कुमार दुबे का किया गया सम्मान

बिर्रा – शिक्षक उमेश कुमार दुबे जिला मीडिया प्रभारी समग्र शिक्षा जांजगीर चांपा छग को शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार,रचनात्मक व शिक्षा गुणवत्ता के साथ साथ विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार में विशेष योगदान के लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारी बम्हनीडीह रत्ना थवाईत,डाईड प्राध्यापक अकादमी विकासखंड प्रभारी बम्हनीडीह प्रतिमा साहू बीआरसी एच के बेहार के द्वारा शिक्षक उमेश कुमार दुबे को शील्ड देकर उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। ज्ञात हो कि 1998 में शासकीय आर के के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेमरिया (व्यवस्था के अंतर्गत सहायक शिक्षक विज्ञान ) से करियर शुरू कर शिक्षा कर्मी वर्ग 3,प्रभारी प्राचार्य शासकीय आर के के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेमरिया,सहायक शिक्षक पंचायत,शिक्षक एलबी, पीएलसी प्रभारी,राष्ट्रीय आईडियाज जिला प्रभारी, स्वीकृति मंच,गडबो नवा छत्तीसगढ़,ब्लाक मीडिया प्रभारी जिला मीडिया प्रभारी समग्र शिक्षा जांजगीर चांपा से लेकर वर्तमान में प्रभारी प्रधान पाठक तक की यात्रा में उमेश कुमार दुबे ने हर पद पर अपनी पहचान बनाई।आज वह एक आदर्श शिक्षक के रूप में पहचाने जाते हैं उमेश कुमार दुबे का यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है बल्कि ग्रामीण शिक्षा के क्षेत्र में एक नई सोच और सकारात्मक बदलाव की पहचान है उन्हें मिलने वाला यह सम्मान उन सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणा है जो शिक्षा को केवल नौकरी नहीं बल्कि सेवा मानते हैं। उमेश कुमार दुबे को पहले भी कई अवसरों पर सामाजिक स्तर,स्थानीय स्तर पर,संकुल स्तर,विकासखंड स्तर पर श्रेष्ठ शिक्षक एवं उत्कृष्ट पीएलसी सम्मान,जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री व कलेक्टर द्वारा मुख्यमंत्री शिक्षा दूत सम्मान और अनेक अन्य पुरस्कार,कोविड-19 जागरूकता अभियान चलाने के लिए दादा साहेब फाल्के फिल्म इंटरनेशनल अवार्ड फिल्म फाउंडेशन बड़ोदरा के द्वारा कोरोनावारियर्स का प्रशस्ति पत्र से सम्मान, इंटरनेट नेशनल ग्रैजुएट स्कूल ऑफ़ टेक्नोलॉजी कुलम केदह मलेशिया द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए डॉक्टर आफ फिलोसफी ,इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय बालाघाट मध्य प्रदेश द्वारा शिक्षा/साहित्य वाचस्पति की मानद उपाधि (डॉक्टरेट अवार्ड),राष्ट्रीय राष्ट्रभाषा स्वाभिमान विद्श्री, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन कॉन्फ्लूएस कॉलेज ऑफ़ हायर एजुकेशन राजनांदगांव छत्तीसगढ़ द्वारा साहित्य ,सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता सम्मान,अंबेडकर नेशनल हीरो अवार्ड सम्मान, औरोबिंदो सोसाइटी द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह एवं इनोवेटिव पाठशाला कार्यक्रम प्रशिक्षण के उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान,अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के द्वारा प्रशस्ति पत्र से और अनेकों सम्मान से सम्मानित किए जा चुके है।विकासखंड शिक्षा अधिकारी रत्ना थवाईत ने कहा कि उमेश कुमार दुबे ने अपने शिक्षकीय जीवन में हमेशा यह सिद्ध किया है कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं बल्कि यह बच्चों के संस्कार जीवन शैली और सोच को भी आकर देती है। उन्होंने शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के रूप में शासकीय आर के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेमरिया से कार्य शुरू किया और वर्तमान में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला से सेमरिया में प्रभारी प्रधान पाठक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।उनका लक्ष्य हमेशा रहा है कि हर बच्चा पढ़ाई में आनंद महसूस करें स्कूल से जुड़ा रहे और शिक्षा के साथ संस्कार भी सीखें।साथ ही साथ विभागीय योजना को प्रचार प्रसार करने में अहम भूमिका निभाते हैं। अकादमिक विकासखंड प्रभारी प्रतिमा साहू ने कहा कि उमेश कुमार दुबे ने शिक्षा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ-साथ नई सोच नई पहल,नवाचार,रचनात्मक, जागरूकता अभियान, मीडिया आदि में उत्कृष्ट कार्य किए हैं। बीआरसी हिरेंद्र बेहार ने कहा कि उमेश कुमार दुबे ने 2.0 पढहु तुहर दुवार कार्यक्रम के अंतर्गत हस्त लेखन कौशल विकास प्रदर्शनी का आयोजन,शैक्षणिक भ्रमण,कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण जन जागरूकता अभियान,सेल्फी विद सक्सेस बच्चों को चुनौती देकर पढ़ने का नवाचार शुरुआत,एक दिन का शिक्षक,प्रदूषण के रोकथाम व पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण के साथ-साथ कार्यक्रम की जन जागरूकता अभियान,चित्रों की बात बच्चों के साथ,पढ़बो लिखबो कतको बेरा,एक नई उड़ान,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, भक्ति में शक्ति,डायरिया रोकथाम के लिए जन जागरूकता अभियान,हर घर तिरंगा जागरूकता अभियान, स्वच्छता,प्रार्थना सभा में बोलने की क्षमता का विकास किचन गार्डन,मध्यान भोजन में भोजन मंत्र और संस्कृत श्लोक का उच्चारण कर बच्चों में अनुशासन और परंपराओं का भाव जागृत किया।अनुपस्थित बच्चों के घर जाकर उन्हें विद्यालय लाने का प्रयास सुनिश्चित करते है कि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे इस तरह उमेश कुमार दुबे ने समर्पित भाव से अपने शिक्षकीय जीवन में हमेशा यह सिद्ध किया कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं बल्कि यह बच्चों के संस्कार जीवन शैली और सोच को भी आकर देती है।