सक्ती

जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी पर निकाला गया जुलूस-ए-मोहम्मदी

सक्ती – सक्ती में जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। इस जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और जुलूस के दौरान मक्का और मदीना की झांकियां भी बनाई गईं।जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और जुलूस के दौरान नात शरीफ़ और नारे लगाए गए। जुलूस के दौरान मक्का और मदीना की झांकियां बनाई गईं, जो आकर्षण का केंद्र रहीं।
नबी के जन्मदिवस के मौके पर नबी के द्वारा कहे गये एवं शांति की बात जुलुस मे नारा लगाकर एवं नात शरीफ पढ़ कर बताई गई नगर भ्रमण कर जुलुस जामा मस्जिद सक्ती पहुंचने पर हुजुर की शान मे सक्ती के पेशईमाम हजरत सैफुल्लाह मिस्बाही के द्वारा उम्दा आवाज मे सलाम पढी गई तत्पश्चात मुल्क की अमन चैन व शांति की दुआ अल्लाह के बरगाह मे सभी सुन्नी मुस्लिम मोमीन भाईयों के द्वारा हाथ उपर कर मांगी गई इस अवसर पर सुन्नी मुस्लिम जमात के हाजी तैय्यब अली रिज्वी, हाजी वाहेद खान, हाजी मुनव्वर वारसी, हाजी गुलाम नबी, भाई महबूब खान, शम्स तमरेज खान, रिजवान खान, मोहम्मद अजलाल, आजम खान, राजा खान, हज्जा खान , जमाल खान, सुल्तान खान, रमजान खान, सुलेमान खान, बंटी खान, रज्जब अली, रज्जाक अली, आरिफ़ खान ,फैजान खान, सोनु खान, शाबा खान, सुहैल खान, रूस्तम खान, राशीद खान, हफिज खान, इकबाल खान, जावेद खान, सकिल अहमद, करीम खान, गुलाम मनिहार, नासिर हुसैन, शफिक अहमद, तैय्यब खान, दानीश खान, शमीम खान ,इम्तियाज खान, गनी वकील, अलीम खान, ऐजाज खान, अयाज खान, पिन्टू खान, असलम खान, राजु खान, साजिद खान, वाजीद खान, आबिद खान, छोटु खान सहित समस्त नगर के मुस्लिम भाई जुलुस मे शिरकत किये, इस अवसर पर नगर के पुलिस प्रशासन के जवान सहित महिला पुलिस भी पुरे जुलुस मे मुस्तैद थे जुलुस जामा मस्जिद सक्ती पहुंचने पश्चात तमाम नबीयो के सरदार हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम एवं गौस-ए-पाक की मुए मुबारक की जियारत करवाई गई जिस पर जुलुस पर शरीक तमाम मुस्लिम भाईयों के द्वारा पाक साफ होकर व वजु कर दुरूद शरीफ पढ़ते हुए हुजुर की मुए मुबारक की जियारत करते हुए ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद मौके पर अपनी-अपनी, ख्वाहिशे, मुराद मांगी गई। वही पुलिस प्रशासन के नेतृत्व में सुरक्षा व्यवस्था बनाए में सराहनीय योगदान रहा।
हटरी चौंक में अग्रवाल समाज द्वारा जुलूस का स्वागत भी किया गया
लूस का उद्देश्य जुलूस-ए-मोहम्मदी का उद्देश्य पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं और उनके जीवन के बारे में लोगों को जागरूक करना और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करना है। इस जुलूस के माध्यम से लोगों ने आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेश दिया।