सक्ती

संस्कार पब्लिक स्कूल लवसरा ने मनाया शिक्षक दिवस…

उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल के साथ अभ्यागतों ने किया शिक्षकों का सम्मान…

सक्ती ‌। आधुनिक भारत में गुरुशिष्य परंपरा अर्थात गुरु पर्व गुरु पूर्णिमा से परे शिक्षक विद्यार्थी संबोधन के साथ शिक्षक दिवस का आयोजन प्रारंभ हुआ। आजादी के बाद स्वतंत्र भारत में पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से शिक्षक – विद्यार्थी के संबंधों में व्यावसायिक भाव का जागरण होना स्वाभाविक था।
तब इन परिस्थितियों में देश के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के साथ शिक्षक के सम्मान में हो रहे आघात को महसूस कर शिक्षकविद्यार्थी के रिश्ते को भारतीय संस्कृति के अनुरूप गुरु शिष्य परंपरागत भाव के पुनर्जागरण के उद्वेश्य से अपने जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने के लिए देशवासियों को प्रेरित किया क्योंकि वह स्वयं एक शिक्षक रहे, तब से देश में शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के सम्मान कार्यक्रम सतत आयोजित हो रहा है, उक्त बातें अशासकीय विद्यालय प्रबंधक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल बताते हुए इस पावन अवसर पर सभी शिक्षक बंधुओं को शिक्षक दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने विद्यालय के संचालक भुवन साहू की प्रयास की सराहना करते हुए विद्यालय के उत्तरोत्तर प्रगति की कामना किया। इन पलों ने जान कुंज पब्लिक स्कूल के संचालक दुलीचंद साहू ने शिक्षक दिवस आयोजकों तारीफ करते हुए बच्चों से गुरुजनों के सम्मान आग्रह किया तो वहीं स्वागत भाषण करते हुए विद्यालय के संचालक भुवन साहू ने पुष्पहार से अतिथियों का स्वागत किया। प्राचार्य के डी वैश्वव ने गुरुजनों से बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयत्न करने का आग्रह किया।
अशासकीय विद्यालय प्रबंधक कल्याण संघ से संबद्ध विद्यालय संस्कार पब्लिक स्कूल के शिक्षक दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ अभ्यागतों के द्वारा सरस्वती माता के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन आठ में ज्ञानकुंज पब्लिक स्कूल, शंकर गुरुकुल आदि विद्यालयों के शिक्षक के साथ ही विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता रही।