सक्ती

मूंगफली की नई किस्म लेपाक्क्षी के. 1812 में फसल की पैदावार अच्छी देख किसानों के खिले चेहरे

केन्द्र सरकार की नेशनल मिशन ऑन इडिबल ऑयल ऑयल सीड्स योजना जिले के किसानों के लिए बना वरदान

सक्ती, 25 जून 2025‌। भारत सरकार किसानों को तिलहन फसल की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए भारत शासन द्वारा नई योजना नेशनल मिशन ऑन इडिबल ऑयल–ऑयल सीड्स योजना संचालित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा योजना का प्रभावी कियान्वयन हेतु 9 जिलों में ग्रीष्मकालीन तिलहन फसल प्रदर्शन आयोजित कराई गई है। इस योजना के तहत सक्ती जिले में 500 हेक्टेयर में ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती की गई है। विकासखण्ड डभरा के ग्राम कोटमी में ही 300 हेक्टेयर, कोमो में 100 हेक्टेयर तथा विकासखण्ड मालखरौदा के ग्रामों में 100 हेक्टेयर में किसानों के द्वारा मूंगफली का प्रदर्शन लगाया गया है। ग्राम कोमो के कृषक पीताम्बर पटेल ने बताया कि पिछले साल उन्नत किस्म का बीज नही मिल पाने के वजह से ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती लोकल किस्म गुफ्फा से किया था। इस वर्ष मूंगफली की खेती कृषि विभाग से नेशनल मिशन ऑन इडिबल ऑयल ऑयल सीड्स योजनान्तर्गत प्रदाय मूंगफली बीज किस्म लेपाक्क्षी के 1812 से किये हैं तथा मूंगफली फसल में फली की संख्या देखकर 16 क्विंटल तक प्रति एकड़ उत्पादन का अनुमान है। ग्राम कोटमी के कृषक श्री केशव प्रसाद पटेल और रोहित कुमार ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों के सलाह से ग्रीष्मकालीन धान के बदले मूंगफली की खेती में अधिक आमदनी मिल रहा है तथा इस वर्ष पहली बार उन्नत किस्म का बीज मिलने के कारण ग्राम कोटमी में किसानों के द्वारा बड़े पैमाने पर ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती की गई है। ग्रामिक दिनों में धान में पानी की कमी के चलते उत्पादन कम होता था। मूंगफली की खेती में कम पानी में ज्यादा उत्पादन देने वाली उन्नत किस्म के बीज मिलने से खेती में मुनाफा बढेगा। कृषि विभाग के निरंतर प्रयास से विकासखण्ड डभरा में किसानों का झुकाव ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती की ओर तेजी से हुआ है। विगत वर्षों में किसानों के द्वारा उन्नत किस्म का बीज नही मिल पाने के वजह से स्थानिय किस्मों का उपयोग किया जा रहा था। किन्तु इस वर्ष केन्द्र सरकार की नई योजना नेशनल मिशन ऑन इडिबल ऑयल ऑयल सीड्स योजना के तहत किसानों को अच्छी उपज वाली उन्नत किस्म लेपाक्क्षी के 1812, 500 क्विंटल बीज प्रदाय किया गया है। जिसका किसानों के द्वारा 92 हेक्टेयर में बीज निगम में पंजीयन भी कराया गया है ताकि अगले वर्ष भी यह किस्म किसानों को वितरण हेतु दिया जा सके। विकासखण्ड मालखरौदा में भी कृषि विभाग के मैदानी अमलों के प्रयास एवं विकासखण्ड डभरा के किसानों से प्रेरित होकर इस वर्ष धान के बदले ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती कर रहे है। केन्द्र सरकार की नई योजना नेशनल मिशन ऑन इडिबल ऑयल ऑयल सीड्स योजना की जानकारी मिलते ही कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा कृषक संगोष्ठी एवं शिविर आयोजित कर किसानों को योजना की जानकारी देकर ग्रीष्मकालीन मूंगफली की उन्नत तकनीक से खेती करने के लिए प्रेरित किया गया एवं किसानों को मूंगफली की नई किस्म लेपाक्क्षी के 1812 के बारे में जानकारी दिया गया। जिले में मैदानी अमलों के निरंतर प्रयास से मूंगफली फसल के रकबे में बढ़ोतरी हुई है। आने वाले वर्षों में जिले में ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती से गर्मी में धान फसल के रकबे में और कमी आयेगी। किसानों को उनकी मेहनत का अच्छी आमदनी मिल सके इसके लिए जिले में कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार मूंगफली से तेल निकालने की मशीन स्थापित करने की योजना है।