सिंचाई विभाग सक्ती के भवन में खौफ के साए में काम करने को मजबूर कर्मचारी

अधिकारी की निष्क्रियता के कारण भवन की लिपाई पोताई में ध्यान नही जिसके कारण सरकारी दफ्तर है या खंडहर
सक्ती । छत्तीसगढ़ सरकार अपने सरकारी कार्यालयों को पूरी तरह से आधुनिक बनाने में लगी है. इसकी शुरुआत जर्जर स्कूल भवन से किया है लेकिन सक्ती में सिंचाई विभाग के भवन से ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि यह सरकारी भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है. इसे दफ्तर कहने से काम नहीं चलेगा बल्कि इसे खंडहर कहना ज्यादा उचित होगा. क्योकि इस विभाग में करोड़ो रूपये की क्षेत्र की नहरों का मरमम्त हो रहा है ऐसे खण्डर भवन में रोजाना लाखो करोड़ो की राशि आहरण किया जा रहा है उसके बाद भी जिस भवन में काम जर रहे अधिकारी अपने भवन की रखरखाव में ध्यान नही देना समझ से बाहर है सरकारी दफ्तर से उस इलाके की दशा और दिशा तय की जाती है. लेकिन उस ऑफिस का क्या,जिन्हें खुद देखरेख की दरकार है. सक्ती के सिंचाई विभाग का भवन की हालत जर्जर है.खंडहर के रूप में तब्दील एक सरकारी भवन जिसमें कई खण्ड संचालित हैं. यहां के कर्मचारी मौत के साए में काम करने को मजबूर हैं।
कई वर्षों से नही हुई सिंचाई विभाग के भवन की लिपाई पोताई
आपको बता दे कि सिंचाई विभाग सक्ती के भवन की लिपाई पोताई कई वर्षों से नही किया गया है जिसके कारण भवन खण्डर में तब्दील हो गई है और स्थानीय अधिकारी पदस्थ होने के कारण अपने ऊंची पहुँच दिखाकर सरकारी राशि की दुरुपयोग करने की आरोप लग रही है बरहाल जो भी हो जिस कार्यालय से अपने घर परिवार की पालन पोषण चल रही है ऐसे कार्यालय को भी अपने घर की तरह रख रखाव करने की आवश्यकता है लेकिन यहां की अधिकारी की रवैया से भी स्टाप के कर्मचारियों में खासा आक्रोश देखने व सुनने को मिल रही है।
रख-रखाव के अभाव में भवन हो रही खंडहर
सक्ती में सिंचाई विभाग का एक भवन है, इस बिल्डिंग की स्थिति जर्जर हो चुकी है. इसके पीलर, दीवारें, छज्जे और छत की स्थिति ऐसी है कि यह कभी-भी ढह सकती है. आपको जानकार आश्चर्य होगा कि इसमें एक दो नहीं बल्कि 3 क्रमांक मे कार्यालय संचालित हो रहे हैं. ये सभी इस खंडहरनुमा भवन में हैं. भवन में संचालित विभागों के लगभग 25 कर्मचारी और अधिकारी काम करते हैं. अब जाहिर है कि भवन का जब पीलर, दीवार और छत उखड़कर रोज गिरने की कगार में हैं तो इन कर्मियों को जान का खतरा बना रहता है. वो कहते हैं कि यहां हमेशा ये डर बना रहता है कि पता नहीं कब यह भवन हम पर गिर जाए और हमारी जान चली जाए. सरकार और अपने विभाग के अधिकारी से इस पर ध्यान देने की मांग कर रहे हैं. जिससे वो बिना किसी खौफ में काम कर सकें.सिंचाई विभाग का भवन अत्यंत जर्जर हालत में है, लगभग रोज इस बिल्डिंग का कोई ना कोई हिस्सा टूटकर नीचे गिरने जैसा लग रहा है.मानते हैं कि यहां काम करने का उचित माहौल नहीं है. यह बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो गई है. उन्होंने बताया कि हम लोग अपने कार्यालय के कुछ आफिस को दूसरी जगह शिफ्ट करके योजना पर काम किया जा रहा हैं. जिस भवन में सरकार के विभाग चल रहे हैं उसकी यह दुर्दशा समझ से परे है. सरकार और संबंधित विभाग के अधिकारी को इस पर ध्यान देना चाहिए।