गुरु पूर्णिमा व्यास पूजन महोत्सव का आयोजन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

भावी पीढ़ी को सुसंस्कृत और संस्कारित बनाना है – आचार्य राजेंद्र जी महाराज

सक्ती – भागवत प्रवाह अध्यात्म सेवा संस्थान छत्तीसगढ़ द्वारा गुरु पूर्णिमा व्यास पूजन महोत्सव का आयोजन बड़ी ही भव्यता के साथ किया गया । भागवत प्रवाह परिवार के संस्थापक आचार्य राजेंद्र जी महाराज के निवास मातृ छाया परिसर में वेद मंत्रोच्चार के साथ जगद्गुरु भगवान श्री कृष्णा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर आयोजन का शुभारंभ किया गया आयोजन के उद्देश्य पर भागवत प्रभाव के संयोजक पंडित देव कृष्णा शर्मा द्वारा संस्थान के संकल्प और आयोजित कार्यक्रमो से सामाजिक प्रेरणा जागृत कर , अध्यात्म एवं सनातन धर्म के प्रति आस्था का भाव जागृत करना , तथा सद्गुरु के द्वारा बताए मार्ग पर चलकर शिष्य को स्वयं की पहचान बनाना है ।
भागवत प्रवाह अध्यात्मिक सेवा संस्थान छत्तीसगढ़ के संस्थापक आचार्य राजेंद्र जी महाराज द्वारा सभी शिष्यों को वैदिक एवं पौराणिक कॉल से चल रहे गुरुकुल परंपरा की विशिष्टता बताया गया कि भगवान भी इस धरती पर अवतार लेते हैं तो उन्हें भी सद्गुरु के शरण में जाना पड़ता है ,। गुरू तत्व नित्य है , कोई व्यक्ति गुरु नहीं होता , और कोई गुरु व्यक्ति नहीं होता सद्गुरु वे होते हैं जो नित्य निरंतर अपने शिष्य के उंगली को थाम कर अध्यात्म मार्ग में प्रवेश कराकर, सत्संग की प्यास को बढ़ाते रहते हैं , उसे बुझने नहीं देते । आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने बताया कि , ब्यास पूर्णिमा गुरु पूजन का उद्देश्य केवल यह नहीं होना चाहिए कि केवल यह पूजा प्रथा तक सीमित रह जाए , बल्कि इस आयोजन के माध्यम से व्यक्ति और समाज जीवन में अपने धर्म और ईश्वर के प्रति आस्था भाव जागृत करने के साथ ही भावी पीढ़ी को सुसंस्कृत और संस्कारित बनाना है
गुरु शब्द का यही अर्थ भी है कि अज्ञानता रुपी अंधकार से ज्ञान रुपी प्रकाश की ओर आगे बढ़ाने वाला , इसलिए सद्गुरु का दायित्व अपने ज्ञान मार्ग से सामाजिक सरोकार के आयोजन से अध्यात्म और राष्ट्र निर्माण का संदेश देवे ।
गुरु पूर्णिमा महोत्सव में नरेश रीना गेवादीन, रमेश चंद अग्रवाल पत्रकार , डॉ श्रीकांत वर्मा , रथीस श्रीवास्तव , सरपंच चंद्र कुमार सोनी , डॉ पार्वती जायसवाल द्वारा संबोधन किया गया भागवत प्रवाह के सक्रिय कार्यकर्ताओं का सम्मान वस्त्र एवं झूमते हुए प्रसस्ती पत्र से किया गया ।सावधान द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा का संदेश देते हुए सभी शिष्यों को बेल एवं आंवला का पौधा प्रधान किया गया ।संगीतमय, भजन संकीर्तन के साथ झूमते हुए सभी ने महोत्सव का आनंद लिया । इस आयोजन में भागवत प्रवाह मातृशक्ति समिति का महत्वपूर्ण योगदान रहा । कार्यक्रम का संचालन सचिव कविता देवांगन एवं आभार सुमित्रा हीरा पटेल ने किया ।