रेलवे प्रशासन की उदासीनता – सक्ती के टेमर एवं सोंठी रेलवे ओवर ब्रिज 1 साल पहले आज के दिन ही प्रधानमंत्री मोदी ने किया था वर्चुअल भूमि पूजन

निर्माण प्रारंभ ना होने पर जनता करेगी बड़ा आंदोलन
सक्ती – नवगठित जिला मुख्यालय सक्ती के टेमर एवं सोंठी रेलवे ओवरब्रिज निर्माण की आधारशिला आज के दिन ही 26 फरवरी 2024 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल रूप से पूरे देश भर के 554 रेलवे स्टेशनों में एक साथ हजारों रेलवे ओवर ब्रिज एवं अंडरग्राउंड ब्रिज निर्माण के भूमि पूजन- लोकार्पण के रूप में रखी थी, इस अवसर पर जिला मुख्यालय सक्ती के रेलवे स्टेशन सक्ती परिसर में तत्कालीन आईएएस कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना की उपस्थिति एवं भाजपा नेताओं की मौजूदगी में यह वर्चुअल शिलान्यास समारोह भव्य रूप से आयोजित किया गया था, जिसमें सैकड़ो की संख्या में स्कूल के बच्चे एवं जनप्रतिनिधि तथा गणमान्य नागरिक मौजूद थे, किंतु विडंबना यह है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के भूमि पूजन के बाद भी आज 26 फरवरी 2025 को 1 साल व्यतीत हो चुका है,किंतु उपरोक्त दोनों निर्माण कार्यों की आज तक एक ईंट भी नहीं रखी गई है,जिससे क्षेत्र वासियो में काफी नाराजगी है, एवं रेलवे प्रशासन की इस उदासीनता से लोग आक्रोशित हैं, एवं क्षेत्र वासियों का कहना है कि ऐसे शिलान्यास समारोह का क्या औचित्य है जिसमें केंद्र सरकार के मुखिया ने जब इसका शिलान्यास कर दिया है तो 1 साल में तो यह बनकर तैयार हो जाना चाहिए किंतु यह दुर्भाग्य कहे या की रेलवे की लापरवाही आज तक एक ईंट भी नहीं रखी गई आखिर में इसका दोषी कौन है, एवं इसके दोषियों परअविलंब कार्रवाई होनी चाहिए, तथा जब उपरोक्त निर्माण कार्य का भूमि पूजन कर दिया गया है, तो निश्चित रूप से उक्त निर्माण कार्य की निविदा जारी कर एजेंसी भी तय कर दी गई होगी, तो क्या निर्माण एजेंसी की भी इसमें लापरवाही है, निर्माण एजेंसी ने आज तक इस संबंध में कोई पहल नहीं की,अन्यथा ऐसे बड़े आयोजनो में लोग पहुंचते हैं तथा पहुंचने के बाद ऐसे आयोजनों के उद्देश्यों को जब गति ही नहीं मिलेगी तो फिर भला शिलान्यास एवं लोकार्पण समारोह का औचित्य ही क्या है, छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है एवं केंद्र में भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार है, किंतु इसके बावजूद शक्ति के इन दोनों महत्वपूर्ण रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण प्रारंभ ना हो पाना एक बड़ा सवालिया निशान लगाता है, तथा टेमर एवं सोंठी रेलवे फाटक वर्तमान में लोगों के सर दर्द बन गए हैं, इन रेलवे फ़ाटकों में 24 घंटे माल वाहक ट्रेनों एवं यात्री ट्रेनों का भारी आवागमन रहता है जिससे पांच-पांच मिनट में ये रेलवे फाटक बंद हो जाते हैं,तथा घंटो तक लोग धूप एवं बारिश में खुले आसमान के नीचे ट्रेन के गुजरने का इंतजार करते हैं, तो आखिरकार जनता को राहत कब मिलेगी ज्ञात हो की शक्ति रेलवे स्टेशन एवं स्टेशन से लगे हुए क्षेत्र हमेशा से ही रेल सुविधाओं के मामले में उपेक्षा का शिकार बने हुए हैं,शक्ति रेलवे स्टेशन में देखा जाए तो आज एक यात्री प्रतीक्षालय भी नहीं है,तथा पूर्व में जो यात्री प्रतीक्षालय था, उसे रेलवे प्रशासन ने ही अपना कब्जा कर लिया है, तथा जब स्टेशन में पहुंचने वाले रेल यात्रियों को यात्री प्रतीक्षालय की आवश्यकता महसूस होती है तो उन्हें खुले प्लेटफार्म में ही अपना समय व्यतीत कर ट्रेनों का इंतजार करना पड़ता है, तथा दोनों रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण का मामला तो एक बड़ा मामला है, तथा सरकार को चाहिए कि इस पूरे मामले पर गंभीरता पूर्वक संज्ञान ले एवं आखिरकार इनका निर्माण क्यों प्रारंभ नहीं हो पाया, इसमें क्या दिक्कतें हैं, इसे सार्वजनिक करें, अन्यथा क्षेत्र की जनता एक बड़ा जन आंदोलन करने का मूड बना रही है