सक्ती

डीएपी के विकल्प के रूप में किसान नैनो युरिया, नैनो डीएपी, एनपीके तथा ट्रिपल सुपर फास्फेट का कर सकते है उपयोग

सक्ती –  कलेक्टर  अमृत विकास तोपनो द्वारा कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, जिला विपणन अधिकारी सक्ती को खरीफ वर्ष 2025 हेतु किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त बीज व खाद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है। उप संचालक कृषि से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में खरीफ वर्ष 2025 हेतु बीज एवं खाद का पर्याप्त भण्डारण है तथा किसानों को वितरण भी किया जा रहा है। उन्होने बताया कि जिले के 95 सहकारी समितियों में युरिया, डीएपी, एसएसपी, एमओपी, एवं एनपीके का 20826.00 में. टन उर्वरक का भण्डारण किया गया है जिसमें 17537.00 में. टन उर्वरक किसानों को वितरित भी किया जा चुका है। इसी प्रकार जिले के 95 सहकारी समितियों में 23778.30 क्विंटल खरीफ बीज भण्डारण किया गया था तथा बीज का शतप्रतिशत वितरण किसानों को किया गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों तथा मैदानी अमलों द्वारा किसानों के लिए डीएपी के विकल्प के रूप में नैनो युरिया, नैनो डीएपी, 16:16:16 (एनपीके) तथा टीएसपी (ट्रिपल सुपर फास्फेट) का पर्याप्त भण्डारण समितियों में किया जाना है। जिस हेतु जिले में 95 सहकारी समितियों में 16:16:16 (एनपीके) खाद का 2000.00 में. टन एवं टीएसपी (ट्रिपल सुपर फास्फेट) का 100.00 में. टन अतिरिक्त मांग भी किया गया है। ताकि डीएपी खाद की कमी को अन्य वैकल्पिक खाद से पूर्ति की जा सके। डबल लॉक सेंटर में एसएसपी उर्वरक का पर्याप्त भण्डारण भी रखा गया है। इसके साथ ही कलेक्टर  तोपनो के निर्देशन में जिले में खाद की कालाबाजारी, खाद अधिक दर पर विक्रय न हो उसके लिये बीज व उर्वरक निरीक्षकों को सतत निगरानी करने हेतु तथा नमूना लेकर के प्रयोगशाला को प्रेषित करने के निर्देश दिये गये है, ताकि किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त बीज व खाद उपलब्ध हो सके। इसी अनुक्रम में  तरूण कुमार प्रधान, उप संचालक कृषि के निर्देशन पर विकासखण्डों के बीज व उर्वरक निरीक्षकों द्वारा सतत विकासखण्डों में संचालित सहकारी व निजी विक्रेताओं से बीज के कुल 137 नमूना प्रयोगशाला को प्रेषित किया जा चुका है जिसमें से 07 नमूना अमानक स्तर का पाया गया है जिनका तत्काल विक्रय प्रतिबंध लगाया गया है। इसी क्रम में जिले से खाद का कुल-69 नमूना लिया जाकर प्रयोगशाला को प्रेषित किया गया था, जिसमें 01 नमूना अमानक स्तर का पाया गया है, जिसका तत्काल विकय पर प्रतिबंध लगाया गया है।