अधिवक्ता संघ सक्ती द्वारा विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी को दी गई विदाई


सक्ती पदस्थापना के दरम्यान बिताए हुए क्षण मेरे जीवन के अविस्मरणीय पल हैं… यशवंत कुमार सारथी, विशेष न्यायाधीश
सक्ती । बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी… गीत के इन पंक्तियों के साथ आज विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी ने अधिवक्ता संघ के द्वारा आयोजित विदाई समारोह में न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं को भाव विभोर कर दिया।
उन्होंने अपने स्थांतरण पर आयोजित विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सक्ती पदस्थापना के दरम्यान बिताए हुए क्षण मेरे जीवन के अविस्मरणीय पल हैं जहां मैने अपने न्यायिक सेवा के दरम्यान लोगों के दिल में जगह बनाने में कामयाब रहा। उन्होंने आयोजन हेतु अधिवक्ता संघ के प्रति साधुवाद व्यक्त करते हुए उपस्थित जनों से कहा कि सक्ती में गुजारे पल के दरम्यान जाने अंजाने में हुए गलतियों को नजर अंदाज कर मधुर और यादगार पलों को आत्मसात करते हुए हमेशा अपने दिल में जगह बनाए रखने का आग्रह किया।
“बेशक भुला दो, फिर मिटा दो अपने दिल से हमारा नामोनिशान, तब भी हम आपको याद आएंगे… यह बात अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी के विदाई समारोह में आभार प्रदर्शन करते हुए न्यायाधीश को बेबाक व्यक्तित्व का धनी बताया तो वहीं स्वागत भाषण करते हुए संघ के अध्यक्ष अधिवक्ता नरेश सेवक ने कहा कि मेरे करीब ५० साल के वकालत के इतिहास में यशवंत सारथी चंद स्पष्टवादी न्यायाधीशों में शुमार हैं।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सचिव सुरीत चंद्रा ने भावुक होकर उनके साथ बीते पलों को स्मरणीय बताया तब लीलाधर चंद्रा ने न्यायाधीश यशवंत को नाम के अनुरूप कुल की कीर्ति बढ़ाने वाला बताया।
न्यायिक परिवार की ओर से प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश डा ममता भोजवानी ने कविता के माध्यम से उन्हें विदाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना किया तथा द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश बी आर साहू ने उनके साथ बिताए अल्प समय को स्मरणीय बताया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमती गंगा पटेल ने सारथी साहब को अपने ही गृह जिले का निवासी बताते हुए उनके साथ बिताए पलों में हुए गलतियों को नजर अंदाज करने का निवेदन किया तो वहीं सिविल जज दिव्या गोयल ने उन्हें अच्छा मार्ग दर्शक बताया।
आज इस एतिहासिक विदाई समारोह में अधिवक्ता धर्मेंद्र सोन मेरे प्रभु राम आए हैं … गीत गाया तथा वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण कुमार देवांगन भजन की प्रस्तुति दिया तो वहीं अधिवक्ता सत्यनारायण सिंह ने चलते चलते मेरे …विदाई गीत गाकर सबको भावुक कर दिया।
आज विदाई कार्यक्रम की शुरुवात न्यायाधीश यशवंत सारथी एवम् सभी न्यायाधीशों के स्वागत अभिनंदन के साथ हुआ तथा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एवम पदाधिकारियों के कर कमलों से यशवंत सारथी साहब को शाल, श्रीफल एवम स्मृति चिन्ह भेंट की गई ।
अधिवक्ता संघ सक्ती के नवगठित पदाधिकारियों के इस प्रथम आयोजन को एतिहासिक बनाने में बाल्मिकी सिंह बनाफर, एन एस परिहार, सत्यनारायण अग्रवाल, गनी मोहम्मद, अलका जयसवाल, गिरधर जायसवाल, संजय अग्रवाल, देवेंद्र निर्मलकर, खिलावन राठौर प्यारेलाल पटेल,दिनेश राठौर, संदीप बनाफर, पियूष राय, महेश अग्रवाल, अजीत क्षत्रिय, मुन्ना पटेल, महेश अग्रवाल, अंजना कंवर की सक्रिय सहभागिता रही।