सक्ती

नगर सहित ग्रामीण जनों में छेरछेरा महापर्व अनदान का पर्व धूमधाम से मनाया गया

नगर सहित ग्रामीण जनों में छेरछेरा महापर्व अनदान का पर्व धूमधाम से मनाया गया kshititech

सक्ती ‌। छत्तीसगढ़ लोक संस्कृति एवं त्योहारों की भूमि है ,किसान धान की खेती पूरी हो जाने पर, अपने कोठार में धान को संग्रहित कर सभी को दान भी देते हैं, यही छत्तीसगढ़ में छेरछेरा त्यौहार के नाम से जाना जाता है नगर सहित ग्रामीण जनों में छेरछेरा महापर्व अनदान का पर्व धूमधाम से मनाया गया। आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने बताया, की छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहते हैं, यहां की संस्कृति ही सरल और सबको प्रिय है । हमारे प्रदेश छत्तीसगढ़ को हम महतारी के नाम से संबोधित करते हैं, पूरे देश में एक ही छत्तीसगढ़ प्रदेश को, छत्तीसगढ़ महतारी के नाम से जाना जाता है । एक से अधिक गढ़ अर्थात हमारे प्रदेश में 36 गढ़ है  और यही हमारी विशिष्ट पहचान है ।
नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुषमा जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की बोली एवं परिधान के साथ ही, यहां बहुत ही सरल सहज एवं मिलनसार प्रदेशवासी रहते हैं,  छेरछेरा त्यौहार गांव गांव में सभी बड़े बूढ़े , छेरछेरा के रूप में धान मांगते हैं, जहां बड़ी ही उदारता से अपने खेतों में उपजे धान को दान कर अपना सौभाग्य मानते हैं ।