एक शाम, मोहम्मद रफी के नाम श्रद्धांजलि कार्यक्रम का हुआ आयोजन

मोहम्मद रफी साहब की आवाज़ में बड़ी मिठास, बड़ी गहराई, बड़ा दर्द था अरुण सोम (अनुविभागीय अधिकारी, सक्ती)
मोहम्मद रफ़ी बहुत हंसमुख और दरियादिल और मददगार इंसान थे
सक्ती – एक शाम मोहम्मद रफी के नाम श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन 31 जुलाई को किया गया। मोहम्मद रफी का जिक्र होते ही एक ऐसे फनकार की याद तरोताजा हो जाती है, जिन्होंने अपनी दर्द भरी आवाज में हजारों गाने गाए, जिनमें से सैकड़ों गीत ऐसे हैं, जो किसी न किसी के निजी जीवन से जुड़े हुए लगते हैं। ‘एक नारी दो रूप’ (1973) का “दिल का सूना साज तराना ढूंढेगा, तीर-ए-निगाह-ए-नाज निशाना ढूंढेगा मुझको मेरे बाद जमाना ढूंढेगा”। जब मोहम्मद रफी ने इस दुनिया को अलविदा कहा है, तब से उनकी जन्मतिथि व पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति में यह गीत खूब बजाया और सुना जाता है, उक्त बातें आज धुन म्यूजिकल ग्रुप, सक्ती के तत्वाधान में आयोजित “एक शाम, सुरों के सरताज मोहम्मद रफी के नाम” श्रद्धांजलि समारोह के मुख्य अतिथि अरुण कुमार सोम, एस डी एम सक्ती ने बताते हुए अपने मधुर गीत से महफिल में चार चांद लगा दिया। एस डी एम ने आगे कहा कि यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि रफ़ी साहेब की आवाज़ में बड़ी मिठास, बड़ी गहराई, बड़ा दर्द था, जिसका लगभग सभी संगीतकारों ने बख़ूबी इस्तेमाल किया। पूरी तीन पीढ़ी तक अपनी आवाज़ देने वाले मोहम्मद रफ़ी का कहना था कि आवाज़ तो ऊपर वाले यानी खुदा की देन है। श्रद्धांजलि कार्यक्रम के अध्यक्ष की आसंदी से धुन म्यूजिकल ग्रुप के संरक्षक एवम् चितरंजय पटेल ने कहा कि मोहम्मद रफ़ी बहुत हंसमुख और दरियादिल और मददगार इंसान थे। उन्होंने आगे बताया कि 31 जुलाई 1980 को गीत-व-संगीत की दुनिया का ये आज़ीम सितारा हमेशा के लिए छिप गया, लेकिन आज भी अपने गानों के ज़रिए वह अपने चाहने वालों के बीच मौजूद है। जब मोहम्मद रफी का निधन हुआ तो उस दिन मुंबई में बहुत बारिश हो रही थी वैसे ही आज भी उनके पुण्य तिथि पर भारी बारिश के बावजूद अंचल के फनकार अपने प्यारे गायक को श्रद्धांजलि देने क्रायक्रम में भारी संख्या में उपस्थित रहे । जिनमें सीताराम चौहान, दीनदयाल चौहान, विक्रम सिंह राज, भरत दास महंत, नरेश कसेर, मोहम्मद सलीम, डा उत्तम गबेल, सत्येंद्र सिंह, पुष्पा वैष्णव, संयोगिता रात्र, रवि यादव ने अपने मधुर गीतों से महफिल में समां बांध कर उनके पुण्य तिथि को स्मरणीय बना दिया।आज नवोदित संगीत साधकों के समूह धुन म्यूजिकल ग्रुप ने ऑफिसर्स कॉलोनी सक्ती में मोहम्मद रफी की श्रद्धांजलि अर्पित किया जिसमें देर रात लोग परिवार सहित शामिल रहे आयोजन का सफल संचालन लक्ष्मी नारायण चौहान ने किया तो वहीं मानवाधिकार आयोग के डा विजय लहरे,उदय मधुकर, रेवतीनंदन, योम लहरे सहित अन्य संगीत प्रेमी उपस्थित रहे।