भारतीय जनता पार्टी सक्ती ने मनाया अहिल्या बाईं होलकर की 300 वीं जयंती


पुण्यश्लोक देवी अहिल्या बाई होलकर की 300 वीं जयंती पर भाजपा सक्ती ने किया संगोष्ठी एवं महिलाओ का सम्मान
सक्ती । भारतीय जनतापार्टी जिला सक्ती द्वारा पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयंती मनाई गई जहां उनके जीवन चरित्र पर संगोष्ठी में सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, जिलाध्यक्ष टिकेश्वर सिंह ग़बेल, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रामावतारअग्रवाल, निवर्तमान जिला अध्यक्ष कृष्णकांत चंद्रा जिलापंचायत अध्यक्ष श्रीमती द्रौपदी कीर्तन चंद्रा,जनपद अध्यक्ष कवि शरण वर्मा,जिलापंचायत सदस्य श्रीमती मोहनकुमारी साहू ,सुशीला सिन्हा,आयुष शर्मा सहित जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक गण उपस्थित रहे सर्व प्रथम पुण्यश्लोक देवी अहिल्या बाई के तैल चित्र परमाल्यार्पण कर कार्यक्रम प्रारंभ किया गया अतिथियों ने लोकमाता अहिल्या बाई होलकर के जीवन पर प्रकाश डाला एवं कहा कि आज हम महारानी अहिल्या बाई होलकर जी की 300 वी जयंती मना रहे ही उनको हम सभी शत शत नमन करते है।
जिला अध्यक्ष टिकेश्वर सिंह ग़बेल ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का जीवन ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले सामान्य परिवार की बालिका से एक असाधारण शासनकर्ता तक की उनकी जीवन यात्रा आज भी प्रेरणा का महान स्रोत है। वे सादगी, धर्म के प्रति समर्पण, प्रशासनिक कुशलता, दूरदृष्टी एवं उज्ज्वल चरित्र का अदभुत आदर्श थी पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होल्कर जिनके बिना देश के सैकड़ों मंदिरों का इतिहास अधूरा है एक ऐसी महिला शासक, जिन्हें भारत के धार्मिक स्थलों की महारानी कहा जाए, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। उनका नाम है, महारानी अहिल्याबाई होल्कर।
सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े जी ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का जीवन प्रेरणा देने वाला है उनका लोक कल्याणकारी शासन भूमिहीन किसानों, भीलों जैसे जनजाति समूहों तथा विधवाओं के हितों की रक्षा करने वाला एक आदर्श शासन था। समाज सुधार, कृषि सुधार, जल प्रबंधन, पर्यावरण रक्षा, जनकल्याण और शिक्षा के प्रति समर्पित होने के साथ-साथ उनका शासन न्यायप्रिय भी था। समाज के सभी वर्गों का सम्मान, सुरक्षा, प्रगति के अवसर देने वाली समरसता की दृष्टि उनके प्रशासन का आधार रही। केवल अपने राज्य में ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण देश के मंदिरों की पूजन-व्यवस्था और उनके आर्थिक प्रबंधन पर भी उन्होंने विशेष ध्यान दिया। संपूर्ण भारतवर्ष में फैले हुए इन पवित्र स्थानों का विकास वास्तव में उनकी राष्ट्रीय दृष्टि का परिचायक है महिला सशक्तिकरण
महिलाओं के प्रति विशेष सहानुभूति रखते हुए उन्होंने कई कार्य किए, विधवा महिला, जिसके कोई पुत्र भी न हो, उसकी संपत्ति राजकोष में जमा करवाने का नियम था। उन्होंने इस नियम को बदला तथा ऐसी महिलाओं को पति की सम्पत्ति की उत्तराधिकारी मानकर उन्हें छूट दी कि वे अपनी इच्छानुसार उस सम्पत्ति का उपयोग करें। इसी क्रम में उन्होंने पवित्र नदियों पर जहां-जहां भी घाट बनवाए वहां स्त्रियों के लिए अलग विशेष व्यवस्था की।
प्रेरणास्रोत प्रसंग
अहिल्याबाई का जीवन संघर्षों भरा रहा था। उनके जीवन में सभी रिश्ते-नाते एक-एक करके चल बसे। जीवनसाथी के रूप में पति थे, उनका निधन हो गया। फिर पिता का स्नेह देने वाले उनके ससुर भी चल बसे। संतान के रूप में पुत्र मिला परंतु उसका साथ भी बहुत दिनों तक नहीं रहा। उनके व्यक्तिगत जीवन में अधिकांशतः रिश्ते दुनिया में नहीं रहे। दूसरी ओर लालची लोग राज्य का सर्वनाश करने में लगे हुए थे। ऐसी जटिल परिस्थितियों में अपने मन को स्थिर कर उन्होंने शासन की बागडोर को बखूबी संभाला। यह कोई सामान्य बात नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी जिला सक्ती के अध्यक्ष टिकेश्वर गवेल, सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े एवं जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न समाज के उपस्थित महिलाओं का सम्मान शाल एवं श्रीफल भेंटकर किया गया उक्त कार्यक्रम में प्रेम पटेल रामनरेश यादव, दीपक गुप्ता, रूपा सिंहदेव अनुभव तिवारी भुनेश्वर यादव अनीता सिंह ,रीता पटेल पहलवान दास महंत विनोद पांडे नारायण राठौर, ललिता साहू,रीता कसेर सहित जिला एवं मंडल के पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।