सक्ती

श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भगवान नारायण के विभिन्न 24 अवतारों का वर्णन

सक्ती – परसा भाटा बालको में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव का विशाल आयोजन किया जा रहा है जहां प्रतिदिन असंख्य श्रोताओं को भागवत कथा के रसपान और जीवंत झांकियां के साथ मधुर संकीर्ण और संगीत का आनंद मिल रहा है । छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भागवत आचार्य राजेंद्र जी महाराज द्वारा श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन का सरस वर्णन कर बताया गया कि भगवान के विभिन्न 24 अवतारों में श्री राम और श्री कृष्णा पूर्ण अवतार हैं l त्रेता युग में भगवान नारायण श्री राम के रूप में अवतार लेकर मर्यादा पालनकर जीवन निर्वाह की प्रेरणा प्रदान किया , श्री राम का नाम तारक नाम है , जिनका स्मरण संकीर्ण और गायन भवसागर से छुपा करता है l
इस अवतार में श्री राम ने अपना ऐश्वर्य छुपाया था किंतु द्वापर युग में श्री कृष्ण बनकर संपूर्ण ऐश्वर्य को दिखाया , श्री कृष्ण की लीलाओं में वर्तमान भारत के लिए अद्भुत ज्ञान और प्रेरणा भरा हुआ है , उनके बाल लीलाओं में कालिया नाग को यमुना नदी से बाहर करना जल को प्रदूषण मुक्त करना अर्थात कालिया नाग के जहर से बचाना था l श्री कृष्णा कृत संकल्पित है उन्होंने जल , फल और थल को मुक्त करने का बीड़ा उठाया और यही आज की आवश्यकता भी है l आचार्य ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का उद्देश्य मनुष्य जीवन को उत्कृष्ट बनाते हुए अध्यात्म और अपने सांस्कृतिक वैदिक परंपराओं के लिए आस्था वन बनाना है l बालकृष्ण ने मायावी पूतना राक्षसी का वध कर संकेत दिया है कि गर्भस्थ अथवा नन्हे शिशु की हत्या कहीं ना हो , चाहे वह बेटी हो या बेटा l बेटियां है तभी कल है , और बेटी ही विवाह मंडप में अपने पिता को कन्यादान करते समय दाता शब्द से सम्मानित करती है l इसलिए बेटी के जन्म लेने पर आह और बेटे के जन्म लेने पर वाह ना करें दोनों समान ही है l
भगवान श्री कृष्ण की गोवर्धन लीला भी प्रकृति का संरक्षण और रक्षा करने का ज्ञान है l उन्होंने बताया कि धरती में वर्षा किसी इंद्र नाम के देवता के कारण नहीं होती बल्कि धरती की हरियाली पर्वत और वृक्षों लताओं के द्वारा होती है , इसलिए पर्वतराज गोवर्धन का पूजन करवाया था l वर्तमान परिदृश्य में इस कथा की प्रेरणा यही है की हम सब भी मिलकर प्रकृति की रक्षा करें और अपने किसी विशेष पर्व जन्मदिन आदि में अपने हाथों से वृक्षारोपण कर प्रकृति की रक्षा और संरक्षण में एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं l श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन महानदी नवयुवक संगठन द्वारा अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण करने का आग्रह किया गया है ।