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मन में जब अहंकार उत्पन्न हो जाता है तो भगवान भी उन्हें छोड़कर चले जाते हैं – पंडित देव कृष्ण महाराज

मन में जब अहंकार उत्पन्न हो जाता है तो भगवान भी उन्हें छोड़कर चले जाते हैं - पंडित देव कृष्ण महाराज kshititech

बिलासपुर । नगर के देवांगन मोहल्ला जूना बिलासपुर में भागवत कथा के छठवें दिवस रुक्मणी मंगल संपन्न हुई।
जूना बिलासपुर में विगत पांच दिवसों से भागवत गंगा प्रवाहित हो रही है जहां छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक पंडित देव कृष्ण शर्मा सक्ती वाले ने कथा में माखन चोरी लीला, माहरास आदि कथा श्रवण कराते हुए गोवर्धन लीला के माध्यम से भगवान का प्रकृति के प्रति प्रेम बताया की भगवान की हर लीला के पीछे कोई ना कोई शिक्षा मिलती है , गोवर्धन लीला प्रकृति का संवर्धन करने का ज्ञान बताती है पर्वत पहाड़ वृक्ष की सुरक्षा करना सिखाती है, हम विकास के मार्ग में अपना विनाश ही कर रहे हैं प्रकृति का दहन कर रहे हैं जिसके कारण आज प्रकृति असंतुलित हो गई है। हम सभी को वृक्षारोपण करना होगा वृक्षारोपण के लिए यदि घर पर पर्याप्त भूमि नहीं है तो गमले में औषधीय पौधे जैसे आवला तुलसी बेल ऐसे पौधों को तो लगाया ही जा सकता है,जिससे घर का वातावरण शुद्ध होता है,
वही महारास में भगवान ने गोपियों को शिक्षा प्रदान किया कि उनके मन में जब अहंकार उत्पन्न हो जाता है तो भगवान भी उन्हें छोड़कर चले जाते हैं विद्वंजन कहां करते हैं जहां मैं वहां राम नहीं जहां राम वहां मैं नही।
गोपियों का अहंकार टूटा और भगवान पुनह प्राप्त हुए
भागवत कथा के षष्ठ दिवस रुक्मणी मंगल की कथा में बताया की विदर्भ देश के राजा की प्यारी बिटिया रुक्मणि का भगवान ने भरी सभा से हरण किया, और इस अवसर पर आयोजक परिवार द्वारा गोल बाजार खाटू श्याम मंदिर से भव्य बारात भी निकाली गई और भगवान का विवाह रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ।
आयोजक देवांगन परिवार द्वारा श्रद्धालुओं का सम्मान शाल श्रीफल द्वारा किया जा रहा है।