सक्ती

हत्यारे पति को आजीवन कारावास की सजा

पति द्वारा पत्नी की हत्या कर आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया था

सक्ती – अपर जिला एवं सत्र न्यायालय सक्ती के एजीपी. ऋषिकेश चौबे से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम छिर्राडीह थाना जैजैपुर निवासी जगेश्वर कर्ष ने दिनांक 22 .9 .2021 को थाना जैजैपुर आकर रिपोर्ट दर्ज करवाया कि उसकी बहू श्रीमती पुष्पा कर्ष पति दिलहरण ग्राम छिर्राडीह के मंझोत खार में परसा पेड़ में फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली है। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना जैजैपुर में मार्ग क्रमांक 41/ 2021 लिखा गया। लाश का पंचनामा तैयार कर डा. द्वारा पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मृतिका की मृत्यु गला दबाकर हत्या करना बताए जाने पर अज्ञात आरोपी के विरुद्ध धारा 302 भादवी . का केस दर्ज किया गया तथा दिनांक 23 .12. 2022 को मृतिका के पति दिलहरण से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर स्वयं के द्वारा हत्या करना स्वीकार किए जाने पर उसका मेमोरेंडम कथन लिया गया तथा आरोपी के द्वारा पेश करने पर एक नग नायलॉन की रस्सी फुल शर्ट एक जींस पैंट पुलिस द्वारा जप्त किया गया तथा अपराध क्रमांक 39 / 22 धारा 302 भा .द.वी.के तहत प्रथम सूचना पत्र लिखा गया । संपूर्ण जांच पश्चात अभियोग पत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जैजैपुर के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। उपार्पण पश्चात यह प्रकरण न्यायालय श्रीमान द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सक्ती के समक्ष चला। शासन की ओर से कुल 15 गवाहों को न्यायालय में पेश कर उनका बयान लिया गया। आरोपी के अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि गवाहों के द्वारा प्रकरण का समर्थन नहीं किया गया है। आरोपी तथा उसकी पत्नी विवाह के बाद से दोनों सुखपूर्वक जीवन यापन करते थे, उसे झूठा फसाया गया है अभियोजन संदेश से परे प्रमाणित करने में असफल है इसलिए आरोपी को दोषमुक्त किए जाने का निवेदन किया गया, जबकि शासन की ओर से यह बताया गया कि सभी गवाहों ने अपराध संदेश से परे प्रमाणित किया है। आरोपी द्वारा क्रूरता पूर्वक अपनी पत्नी को जान से मरने के बाद उसे आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया है अतः आरोपी को कड़ी से कड़ी दंड से दंडित किए जाने का निवेदन किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात विद्वान द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने दिनांक13.12. 2023 को फैसला सुनाते हुए आरोपी को धारा 302 भा . द . वी.के अपराध में आजीवन कारावास एवं 5000रु .के अर्थ दण्ड से तथा धारा 201 भादवि. के अपराध के लिए 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रु .के अर्थ दण्ड से दंडित किया है। छ.ग.शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता/ अपर लोक अभियोजक दुर्गा प्रसाद साहू ने पैरवी किया।