सक्ती

25 सालों से जमें प्रधान पाठक की कार्यशैली से ग्रामीण आक्रोशित

पासीद पंचायत के सरपंच जिवेंद्र राठौर ने लिखा डीईओ सक्ती को पत्र

25 सालों से जमें प्रधान पाठक की कार्यशैली से ग्रामीण आक्रोशित kshititech
25 सालों से जमें प्रधान पाठक की कार्यशैली से ग्रामीण आक्रोशित kshititech

सक्ती – शासकीय प्राथमिक शाला पासीद के प्रधानपाठक महेन्द्र कुमार राठौर के स्थानांतरण को लेकर ग्राम पंचायत पासीद विकासखंड- सक्ती के सरपंच जिवेन्द्र राठौर सहित जन प्रतिनिधियों ने जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती को पत्र प्रेषित कर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है,तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा अनेकों बार जिला शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में अवगत कराया जा चुका है, किंतु जनप्रतिनिधियों का कहना है कि आज पर्यंत तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से उपरोक्त प्रधान पाठक के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे पूरे गांव में काफी आक्रोश है
तथा ग्रामीणों द्वारा अपने शिकायत पत्र में बताया गया है कि शास. प्राथ. शाला पासीद के प्रधानपाठक महेन्द्र कुमार राठौर जो कि विद्यालय कभी भी सही समय पर नहीं आते है, मनमाने ढंग से विद्यालयीन समय के पूर्व ही अपने घर चले जाते है। ग्राम के प्रतिष्ठित नागरिक पंच, सरपंच एवं ग्राम पटेल के प्रति इनका व्यवहार अच्छा नहीं है । अपने बी.एल.ओ. कार्य में पद का दुरूपयोग करते हुए धौस जमाता है। ग्रामीणों के द्वारा शासकीय रिकार्ड दाखिल खारिज की मांग करने पर उन्हे धमका चमका कर बदसलुकी कर भगा देते है,शिकायत करने की बात कहने पर इनके द्वारा कहा जाता है कि मेरी ऊपर तक पहुंच है तुम लोगो को जहां शिकायत करना है कर लो कोई मेरा कुछ नहीं उखाड़ सकता है, ग्रामीणों ने अपने शिकायत पत्र में कहा है कि महेन्द्र कुमार राठौर की नियुक्ति शासकीय प्राथमिक शाला पासीद में लगभग 25 वर्षो से अधिक हो गया है,तथा इनका निवास गृह सराईपाली है, जो कि मात्र 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित है,एक स्थान पर लम्बे समय से पदस्थ होने के कारण इनके द्वारा मनमाने रूप से कार्य किया जा रहा है जिसके कारण शासकीय कार्य प्रभावित हो रहा है तथा आम जनता भी इनसे परेशान है। पूर्व में भी इनके विरूध्द आपके पास शिकायत की गई थी जिसके संबंध में आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। पूर्व में दिये गये आवेदन की छायाप्रति संलग्न है,अतः आपसे निवेदन है कि इनका स्थानांतरण किसी अन्य विद्यालय में करने की कृपा करें तथा इनके स्थान पर किसी अन्य शिक्षक को पदस्थ किया जाये ताकि विद्यालयीन कार्य सही ढंग से संचालित हो सकें।