सक्ती

सेना में भर्ती के बाद देश का युवा सेना में रहे या न रहे पर उसके दिल एवं स्वभाव में देश के लिए मर मिटने का जज्बा आजीवन बना रहता है –चितरंजय

सक्ती – भारतीय सेना से तात्पर्य सिर्फ एक नौकरी ही नहीं बल्कि देश सेवा का जज्बा है जो इस बात से स्पष्ट है कि सेना में भर्ती के बाद देश का युवा सेना में रहे या न रहे पर उसके स्वभाव में देश के लिए मर मिटने का जज्बा आजीवन बना रहता है, यह बात स्पष्ट करते हुए अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने कहा कि हममें से छात्र जीवन में जिसने भी एन सी सी का एक 10 दिन कैंप भी अटेंड किया हो वह आज भी अपने भाव व विचार से देश भक्ति से ओत प्रोत ही नजर आता है। फिर देश का एक व्यस्क युवा जो चार वर्ष के सैनिक जीवन को आत्मसात कर देश सेवा के लिए निकल पड़ा हो उसमें राष्ट्र बोध कूट कूट कर भरा होगा तब अग्निवीर के विरोध को एकमात्र राजनीति प्रेरित राष्ट्रविरोधी कदम ही कहना समोचित है।


अधिवक्ता पटेल ने आज युवाओं को अग्निवीर योजना के बारे में बताते हुए आगे बताया कि आज भी भारतीय सेना के बहुत सारे सैनिक अपनी 20 साल के बाद समाज में लौटकर सामान्य नागरिक जीवन जीते हुए शिक्षक, प्रशासनिक आदि सेवाओं के साथ निजी व्यवसायों में रहता है जिसके लिए उन्हें भर्ती में विशेष सैनिक वर्ग आरक्षण का लाभ सरकार द्वारा दी गई है । यही लाभ अग्निवीर युवाओं के लिए भी तय है फिर सैनिक जीवन चार वर्ष का हो या बीस वर्ष का हो, सिर्फ विरोध करने के लिए चीख चिल्लाकर युवाओं को बरगला कर तोड़ फोड़ करने के लिए प्रेरित करना कहां की देश भक्ति है खासकर आज युवा पढ़े लिखे होने के बावजूद बेरोजगारीवश छोटे मोटे रोजमर्रे के धंधे में भी अपनी जीविका तलाश रहा है।
तब सेना जैसे देशभक्ति के मिसाल व राष्ट्रीयता के जज्बे के लिए जाने व पूजे जाने वाले कार्य में शामिल होने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के बजाय उन्हें विध्वंश का पाठ पढ़ाना तथाकथित राजनीतिक दलों का कुत्सित प्रयास है जिसकी निंदा ही की जानी चाहिए।


खासकर जब देश में पत्थरबाज युवा पीढ़ी पनप रही हो और उसके काट में देश भक्त युवाओं की फौज खड़ा करने का राष्ट्रीय प्रयास हो रहा हो तब देश विरोधी मंसूबे को नेस्तनाबूत करने के लिए अग्निवीर राष्ट्र के लिए जरूरी है। फिर हमारा राष्ट्रधर्म भी यही कहता है कि वक्त की नजाकत को देखते हुए देश के लिए मर मिटने के भाव से ओत प्रोत युवाओं की फ़ौज तैयार करने में हमारा सकारात्मक ऊर्जा लगाएं न कि सिर्फ राजनीतिक विरोध के लिए ही सड़क पर उतर राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाएं। आज सरस्वती शिशु मंदिर सक्ती में उपस्थित लोगों को अग्निवीर को लेकर जागरुकता प्रयास के तहत यह कार्यक्रम विद्यालय परिवार की ओर से रखा गया था।