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“एक दिया पितरों के नाम ” के आगाज के साथ चंद्रपुर पदयात्रा सेवा समिति सक्ती ने किया दीप प्रज्वलन

"एक दिया पितरों के नाम " के आगाज के साथ चंद्रपुर पदयात्रा सेवा समिति सक्ती ने किया दीप प्रज्वलन kshititech

सक्ती ‌। भारतीय संस्कृति एवम् परंपरा आज भी विश्व में सर्वश्रेष्ठ है जहां व्यक्ति के साथ जीवजंतु पशुपक्षी, पेड़ पौधे, जलथल आदि के सम्मान व पूजन की परंपरा है चाहे जीवित अथवा मृत ही क्यों न हो । इन्हीं परंपराओं में से एक मृत स्वजनों अर्थात पितरों का पूजन भारतीय संस्कृति व परंपरा का अभिन्न व अनवरत हिस्सा रहा है और इस परंपरा को आत्मसात करते हुए सक्ती मुक्तिधाम को दिन प्रतिदिन संवारने में लगा चंद्रपुर पदयात्रा सेवा समिति, सक्ती ने आज मुक्तिधाम में एक दिया पितरों के नाम के आगाज के साथ स्वर्गवासी स्वजनों की याद में सामूहिक दीप प्रज्वलन कर पूजन कर स्वर्गलोक गमन हेतु विदाई दी।
मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन हमारे स्वर्गवासी स्वजन पितर पक्ष में भू लोक में हमारे तर्पण पूजन स्वीकार करने के बाद पुनः बैकुंठवास के लिए स्वर्ग द्वार पर पहुंचते हैं जहां मुड़कर अपने परिजनों पर नजर डालते हैं तथा अपने परिजनों को एक साथ खड़े होकर दिए की रोशनी में अभिवादन करते देख कर उन्हें अपार तृप्ति व शांति होती है।
इसी संस्कृति व परंपरा के निर्वहन में चंद्रपुर पदयात्रा सेवा समिति सक्ती के द्वारा मुक्तिधाम संरक्षण के साथ प्रतिवर्ष कार्तिक अमावस्या याने दीपावली के पावन अवसर पर “एक दिया पितरों के नाम” के आगाज के साथ दीप प्रज्ज्वलन के द्वारा श्रेष्ठ भारतीय संस्कृति व परंपराओं का अनुसरण करते हुए सनातन हिन्दू धर्म के संवाहक की भूमिका निभाते आ रहे हैं ।
उक्त जानकारी देते हुए अधिवक्ता चितरंजय सिंह पटेल ने बताया कि आज इस कार्यक्रम में हेमंत देवांगन राकेश टंडन, हुतासन देवांगन, राजू कोल्ड ड्रिंक्स, रघु मिरी, किशोर थवाईत आदि पदाधिकारियों के साथ समिति के सदस्यों ने दिया जलाकर उन पितरों का तर्पण पूजन किया जिन्होंने हम सब को संस्कारित व आशीर्वाद देकर समाज में एक पहचान के साथ खड़ा होने के काबिल बनाया है।
ज्ञात हो कि गत वर्ष एक दिया पितरों के नाम में ब्रह्माकुमारी बहनों के साथ समिति के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर पितरों का पूजन किया गया था।