शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में दी गई जानकारी
सक्ती – राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के लिए शालाओं और शिक्षकों का युक्ति युक्त कारण किया जा रहा है। नगरी इलाकों में छात्रों की तुलना अधिक शिक्षक पदस्थ हैं जबकि ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों की सेनो में स्थिति इसके विपरीत है वहां शिक्षकों की कमी है जिसके चलते हैं शैक्षिक गतिविधियां प्रारंभ हो रही है और छात्र छात्राओं का परीक्षा परिणाम भी प्रभावित हो रहा है। इस स्थिति को सुधारने के उद्देश्य ही प्रदेश सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण का कदम उठाया गया है इससे जिन शालाओं में शिक्षक की जरूरत है वहां शिक्षक उपलब्ध होंगे ग्रामीण क्षेत्रों में गणित रसायन भौतिकी और जीव विज्ञान जैसे विषयों के विषय विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे बच्चों को अच्छी शिक्षा बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी कुल मिलाकर युक्तियुक्तकरण के माध्यम से छात्र शिक्षक अनुपात स्कूलों में संतुलित हो यह सुनिश्चित किया जा रहा है शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा निर्देशों के अनुरूप शिक्षकों और शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है छत्तीसगढ़ में प्राथमिक स्तर पर छात्र शिक्षक अनुपात 21.84 बच्चे प्रति शिक्षक एवं पूर्व माध्यमिक सालो में 26.02 बच्चे प्रति शिक्षक हैं जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।राज्य में 212 प्राथमिक शालाएं शिक्षक विहीन एवं 6872 शालाएं एकल शिक्षकीय हैं हमारे जिले में 6 प्राथमिक शालाएं शिक्षक विहीन एवं 128 सालाएं एकल शिक्षकीय हैं राज्य में 48 पूर्व माध्यमिक शालाएं शिक्षक विहीन और 255 एकल शिक्षकीय है । हमारे जिले में एक पूर्व माध्यमिक शाला शिक्षक विहीन और 6 एकल शिक्षकीय है राज्य के प्राथमिक स्कूलों में 7296 शिक्षक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में 5536 शिक्षकों की आवश्यकता है। हमारे जिले में प्राथमिक स्कूलों में 262 शिक्षक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 155 शिक्षकों की आवश्यकता है। राज्य के प्राथमिक शालाओं में 3608 एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में 1762 शिक्षक ही अतिशेष है। हमारे जिले में प्राथमिक शालाओं में 316 एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में 121 शिक्षक ही अतिशेष है। युक्ति युक्त कारण से शिक्षक विहीन विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता के साथ ही एक ही परिसर में विद्यालय होने से आधारभूत संरचना मजबूत होगी और स्थापना व्यय में भी कमी आएगी । यह युक्तियुक्तकरण कोई कटौती नहीं बल्कि गुणवत्ता और समानता की दिशा में बड़ा कदम है। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी विद्यार्थी की पढ़ाई प्रभावित न हो। पूरे राज्य में मात्र 241 स्कूलों का समायोजन किया जा रहा है हमारे जिले में 22 शालाओं का समायोजन किया जा रहा है। राज्य के कुल 10538 स्कूलों में से 10297 स्कूल यथावत संचालित रहेंगे जबकि जिले में 1263 स्कूलों में से 1229 स्कूल यथावत संचालित होंगे। सिर्फ उन्हीं स्कूलों का समायोजन किया जा रहा है जिनमें छात्रों की संख्या बहुत कम है और पास में बेहतर विकल्प मौजूद हैं। एक ही परिसर में स्थित विद्यालयों को समाहित कर क्लस्टर मॉडल विकसित किया जा रहा है। अतिशेष शिक्षकों का पुनः समायोजन कर एकल शिक्षकीय और शिक्षक विहीन विद्यालयों में पदस्थापना की जा रही है। युक्तियुक्तकरण से लगभग 90% बच्चों को तीन बार प्रवेश प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी और बच्चों को पढ़ाई में गुणवत्ता के साथ ही निरंतरता भी बनी रहेगी। बच्चों के ड्रॉप आउट दर में कमी आएगी अच्छी बिल्डिंग लैब लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही जगह देना आसान होगा। शासन के पत्र क्रमांक 2-24/2024/20-तीन दिनांक 28.04.2025 के अनुक्रम में जिले में अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण की काउंसलिंग 02 व 03 जून 2025 को संस्कार पब्लिक स्कूल सक्ती में की गई जिसमें 02 जून को 185 व 03 जून को 295 अतिशेष शिक्षक काउंसलिंग में शामिल हुए। काउंसलिंग में सहा. शिक्षक संवर्ग के 04 सहा. शिक्षक अनुपस्थित रहे। जिले में न्यून दर्ज संख्या वाले 22 स्कूलों को समायोजित किया गया है एवं 01 हाईस्कूल 0 दर्ज संख्या होने के फलस्वरुप वहां के शिक्षकों को अन्यत्र पदांकन किया गया है। जिले में युक्तियुक्तकरण के तहत काउंसलिंग को लेकर शिक्षक/ शिक्षिकाओं में काफी उत्साह नजर आया अनेक शिक्षक प्रदांकन आदेश प्राप्त होते ही पदांकित संस्था में कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे। जिले अंतर्गत सभी 07 शिक्षक विहीन 134 एकल शिक्षकीय शलाओं में शिक्षकों का प्रदांकन किया गया है डभरा विकासखंड के हाई स्कूल सुखदा, मालखरौदा विकासखंड के मुक्ता, व सारसडोल में शिक्षकों का प्रदांकन किया गया है जो लंबे समय से शिक्षक विहीन हाईस्कूल थे। जिले में सहा. शिक्षक समग्र शिक्षा के जिलाध्यक्ष छत्तीसगढ़ सर्व शिक्षक संघ फेडरेशन के पदाधिकारी भी अतिशेष की श्रेणी में थे इन्होंने काउंसलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बताते हुए काउंसलिंग में भाग लेकर पदांकन आदेश प्राप्त किया व जिले की काउंसलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बताया।