हत्यारे पिता पुत्र को आजीवन कारावास की सजा

सक्ति – अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के एजीपी. श्री ऋषिकेश चौबे से प्राप्त जानकारी अनुसार क्लेश पटेल निवासी बस्ती बाराद्वार ने थाना बाराद्वार में आकर एक रिपोर्ट दर्ज करवाया कि दिनांक 6 .4 .2023 को शाम 7:15 बजे वह घर से गजानन चौक वृंदा किराना दुकान सामान लेने जा रहा था इस समय भेली लोहार व जहर पटेल के घर के सामने दुकान तरफ से उसके चाचा का छोटा बेटा सिद्धेश्वर पटेल आ रहा था उसी समय संतोष दास महंत वहां आया और सिद्धेश्वर पटेल को बोला कि मेरी लड़की को क्यों परेशान करता है कह कर पुरानी रंजिश से झगड़ा लड़ाई कर हाथ मुक्का से मारपीट करने लगा तब संतोष दास का लड़का विमल दास महंत वहां आया वह अपने हाथ में चाकू रखा था तब उसे संतोष दास बोला कि आज सिद्धेश्वर पटेल को जान से मारकर खत्म कर देते हैं तब विमल दास ने उसके पेट, छाती, पीठ व हाथ में चाकू से मारा जो सिद्धेश्वर को चोट लगने से उसके पेट की अटडी बाहर निकल गई, सिद्धेश्वर को इलाज के लिए जिला अस्पताल जांजगीर भेजा गया जहां से रेफर किए जाने पर सिम्स बिलासपुर में इलाज चला उक्त सूचना के आधार पर थाना बाराद्वार में आरोपीगण के विरुद्ध अपराध क्रमांक 75/ 2023 धारा 307,34 भदवी के तहत प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर जांच किया गया विवेचना के दौरान घटनास्थल का खून आलूदा मिट्टी शादी मिट्टी खून से लगा हुआ जींस पैंट को जप्त किया गया तथा आरोपी विमलदास एवं संतोषदास महंत से चाकू जप्त किया गया। आरोपीगढ़ के विरुद्ध अपराध सबूत पाए जाने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। इलाज के दौरान सिद्धेश्वर पटेल की मृत्यु हो जाने पर प्रकरण में धारा 302 भादवी जोड़ा गया। संपूर्ण विवेचना बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शक्ति के न्यायालय में चालान पेश किया गया ऊपरपण पश्चात यह मामला प्रथम अपर सत्र न्यायालय शक्ति में चला। अभियोजन की ओर से कुल 13 गवाह को पेस कर उनका बयान कराया गया। आरोपीगण का कहना था कि वह निर्दोष है उन्हें इस प्रकरण में झूठ रूप से फसाया गया है इसलिए उन्हें इस केस से बरी किया जावे। अभियोजन की ओर से बताया गया कि आरोपीगण पिता पुत्र हैं राय होकर हाथ मुक्का एवं चाकू से हमला कर मृतक की हत्या किए हैं इसलिए उन्हें दंडित किए जाने का निवेदन किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात प्रथम अपर सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी प्रशांत कुमार शिवहरे द्वारा दिनांक 19 .9. 2024 को फैसला सुनाते हुए दोनों पिता पुत्र आरोपीगण को धारा 302 सहपाठी धारा 34 भादवी में आजीवन कारावास एवं 1000 _1000 रु.के अर्थ दंड से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक श्री दुर्गा प्रसाद साहू ने पैरवी किया।