सक्ती

विधानसभा चुनाव 2023, गुटबाजी के बीच कैसे पार लगेगी कांग्रेस की नैय्या, मुश्किलों से भरी राह पर चल रहे हैं डॉ महंत, अपनों की चुनौती का कैसे करेंगे सामना

सक्ती – विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने शेष रह गए हैं अपने-अपने क्षेत्र में दावेदार सक्रिय होकर अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर चुके हैं छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल सीट सक्ती जहां से खुद विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरण दास महंत विधायक हैं और 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए फिर से अपनी दावेदारी पेश की है पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के नाते ऐसा मान भी जा रहा है कि डॉ महंत इस बार फिर से कांग्रेस की टिकट पर सक्ती से चुनाव लड़ सकते हैं इसके लिए उनका क्षेत्र में अब दौरा भी बढ़ चुका है मगर इस बार सक्ती विधानसभा से डॉ महंत के सामने कई चुनौतियां सामने खड़ी है,
सक्ती विधानसभा से ही कांग्रेस के 15 लोगों ने चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पेश की है जिसमें कई डॉ महंत के कट्टर समर्थक भी हैं ऐसे में पार्टी के अंदर की गुटबाजी कांग्रेस के चुनावी समीकरण को काफी हद तक बिगाड़ सकती है, हालांकि अभी सक्ती विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी के नाम पर मुहर नहीं लगी है लेकिन जिस प्रकार उनके कट्टर समर्थक अलग अलग अपने समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं जिसको देखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इस बार डॉ महंत की राह आसान नहीं होगी,
डॉ महंत की पूर्व विधायक से बढ़ी दूरियां
विधानसभा चुनाव 2018 में डॉक्टर महंत ने बीजेपी के प्रत्याशी मेघाराम साहू को भारी मतों से हराकर जीत हासिल की थी उस समय उनके कट्टर समर्थक पूर्व विधायक सरोजा मनहरण राठौर का पूर्ण समर्थन था जिनके पास राठौर समाज का एक बड़ा समर्थन है जो डॉक्टर महंत के लिए जीत सुनिश्चित करने के लिए बड़ा योगदान साबित हुआ था मगर इस बार मनहरण राठौर ने खुद दावेदारी पेश की है और खुद के लिए प्रचार प्रसार कर रहे हैं जो डॉ महंत के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है हाल ही में मनहरण राठौर ने अपने समर्थकों के साथ सक्ती विधानसभा में बाइक रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन भी किया है।
राजमहल का भी छुटा साथ
सक्ती राजमहल से इस बार कांग्रेस पार्टी से राजा धर्मेंद्र सिंह ने दावेदारी पेश की है जो पिछले चुनाव में डॉ महंत के समर्थकों में से एक थे हजारों की संख्या में आदिवासी वोटर्स आज भी राजमहल के समर्थन में खड़े रहते हैं जो इस बार डॉ महंत से दूर हो चुके हैं हालांकि डॉ महंत ने उनके करीबी आदिवासी नेता सरवन सिदार को संगठन में बड़े पद से नवाजा है जिससे अभी भी बड़ी संख्या में आदिवासी वोटर्स का उनको समर्थन मिलने की उम्मीद है।
अब भाजपा का चेहरा तय करेगा डाॅ महंत की चुनौतियां
गुटबाजी में कांग्रेस से एक कदम आगे भाजपा में भी दावेदारों की लंबी लिस्ट है कांग्रेस में 15 तो भाजपा में 22 लोगों ने दावेदारी पेश की है हालांकि भाजपा में किसको टिकट मिलेगी इस पर अभी संशय की स्थिति बनी हुई है क्योंकि अगर सक्ती से डॉ महंत चुनाव लड़ते हैं तो उनको टक्कर देने भाजपा को कोई दमदार नेता चुनाव मैदान में उतरना पड़ेगा क्योंकि पिछले चुनाव में पूर्व मंत्री रहे मेघाराम साहू जिस बड़े अंतर से पराजय हुए थे ऐसे में भाजपा को सोच समझकर प्रत्याशी का चयन करना होगा।
भाजपा में इनके नामो की चल रही चर्चा
सक्ती से भाजपा पार्टी के 22 लोगों ने दावेदारी पेश की है जिसमें प्रमुख रूप से डॉक्टर खिलावन साहू, विद्या सिदार, उमा राठौर, टिकेश्वर गबेल, प्रेम पटेल, का नाम टॉप फाइव में शामिल है इसके अलावा भाजपा के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी के नाम की भी चर्चा है लोगों का कहना है की सक्ती से अगर भाजपा को जीत हासिल करनी है तो ओपी चौधरी को सक्ती से टिकट दिया जाना चाहिए जो डॉ चरण दास महंत को बराबरी की टक्कर दे सकते हैं।