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कस्टम मिलिंग की नई नीति से नाराज सक्ती जिले के राईस मिलर्स ने किया एलान, ‘नहीं कराएंगे पंजीयन, नहीं जमा करेंगे बारदाना

सक्ती – सक्ती जिले के राईस मिलर्स ने प्रदेश सरकार की नई कस्टम मिलिंग की नीति के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला कलेक्टर श्री तोपनो को ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया। राईस मिलरों द्वारा पंजीयन नहीं कराने और बारदाना जमा नहीं किए जाने के एलान के बाद कस्टम मिलिंग पर सवालिया निशान लग गया है।
ज्ञात रहे कि छत्तीसगढ़ प्रदेश की विष्णु देव सरकार ने पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक आयोजित कर छत्तीसगढ़ प्रदेश में राइस मिलो के लिए नई कस्टम मिलिंग को अपनी स्वीकृति प्रदान की है, किंतु विडंबना यह है कि प्रदेश में नई कस्टम मिलिंग नीति लागू होते ही प्रदेश में इसका जबरदस्त विरोध चालू हो गया है, राइस मिलर जहां इस कस्टम नई कस्टम मिलिंग की नीति को त्रुटि पूर्ण बता रहे हैं, तो वहीं जिस तरह से पूरे प्रदेश में राइस मिलर इस कस्टम मिलिंग की नई नीति को लेकर सडक़ों पर उतरकर विरोध करने का मन बना रहे हैं, तो वहीं ठीक प्रदेश में नई खरीफ सत्र के लिए धान खरीदी प्रारंभ हो चुकी है।
यदि ऐसी स्थिति में राइस मिलर पंजीयन नहीं करवाएंगे, बारदाना जमा नहीं करेंगे तो आखिरकार समितियो में खरीदा जाने वाला धान कहां जाएगा, कहां जमा होगा, और कहां इसकी मिलिंग होगी, इस बात को लेकर सवालिया निशान लग गया है, तथा शक्ति जिले के जिला चावल उद्योग संघ के 10 सदस्यों ने भी 19 नवंबर को शक्ति की हटरी धर्मशाला में एक बैठक आहूत कर छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन के निर्देश पर इस पूरे विषय पर चर्चा करते हुए निर्णय लिया तथा 20 नवंबर को जिला चावल उद्योग संघ शक्ति के सदस्यों ने शक्ति जिले के कलेक्टर आईएएस अमृत विकास टोपनो एवं शक्ति जिले की जिला विपणन अधिकारी शोभना तिवारी के कार्यालय में पहुंचकर उन्हें अपने विरोध का ज्ञापन सौंप दिया है, साथ ही ज्ञापन की कापी शक्ति जिले के जिला खाद्य अधिकारी को भी दी गई है।