गायत्री शक्तिपीठ परिसर रुद्राभिषेक के दरम्यान ॐ नमः शिवाय पंचाक्षरी मंत्र से गूंज उठा


सक्ती । आज स्थानीय गायत्री मंदिर में भागवत प्रवाह आध्यात्मिक सेवा संस्थान एवं गायत्री शक्ति पीठ के संयुक्त तत्वाधान में प्रातः कालीन शिव रुद्राभिषेक एवं पूजन आरती संपन्न हुई ।
पवित्र श्रावण मास के चतुर्थ सोमवार पर आयोजित इस पूजा में आचार्य देवकृष्ण शर्मा ने संगीतमय रुद्राभिषेक संपन्न कराते हुए मधुर भजनों से उपस्थित श्रद्धालुओं को सराबोर कर दिया।
आज के इस पूजन में 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना कर पार्थिव शिवलिंग का पूजन उपस्थित श्रद्धालु जनों के द्वारा पंचोपचार पूजन लिंगाष्टकम मंत्र से किया गया।
आज प्रातःकालीन पूजा में यज्ञ आचार्य देवकृष्ण महाराज के सान्निध्य में भव्य रुद्राभिषेक, पूजनआरती के दरम्यान श्रद्धालुजन झूमते रहे और संपूर्ण वातावरण ॐ नमः शिवाय पंचाक्षरी मंत्र से गुंजीत हो रहा था। यह जानकारी देते हुए भागवत प्रवाह के संरक्षक अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने बताया कि गायत्री शक्तिपीठ एवम् भागवत प्रवाह आध्यात्मिक सेवा संस्थान छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा में दिन प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति आयोजन को भव्यता प्रदान कर रहा है। सक्ती नगर के अलावा रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर अंचल के लोग सार्वजनिक शिव महापुराण कथा अमृत रसपान करते हुए आयोजक गायत्री परिवार के प्रयास की सराहना कर रहे हैं। निश्चय ही गायत्री शक्तिपीठ का यह आयोजन आध्यात्मिक क्षेत्र के लिए अनुकरणीय उदाहरण बन गया है।
इस अवसर पर रुद्राभिषेक के दरम्यान गुंजित ॐ नमः शिवाय पंचाक्षरी मंत्र से संपूर्ण परिसर शिव मय हो गया। ज्ञात हो कि स्थानीय गायत्री शक्तिपीठ एवं भागवत प्रवाह आध्यात्मिक सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में प्रतिदिन प्रातः कालीन रुद्राभिषेक पूजन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सक्ती नगर के अलावा अंचल के विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु जन बड़ी संख्या उपस्थित होकर श्रावण मास के प्रति सोमवार को रुद्राभिषेक में शामिल होकर पुण्य का लाभ उठा रहे हैं।
इन पलों में आचार्य राजेंद्र शर्मा ने कहा कि भागवत प्रवाह आध्यात्मिक सेवा संस्थान अपने कथाओं के अतिरिक्त सामाजिक सरोकार के विषय पर भी लगातार प्रयत्नशील है। इसी क्रम में गायत्री शक्तिपीठ के सानिध्य में शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है ।
लोगों में इस बात की चर्चा है कि धार्मिक_आध्यात्मिक कथाओं का आयोजन सार्वजनिक रूप से किए जाने से उसका लाभ आम जनों को मिलता है ।