सक्ती

कार में आग लगाने वालों को सश्रम कारावास की सजा

सक्ती । अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के एजीपी. ऋषिकेश चौबे से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रार्थी रेखराज अग्रवाल पिता स्वर्गीय केदारनाथ अग्रवाल निवासी खरसिया रोड ठनगन थाना डभरा के द्वारा थाना डभरा में उपस्थित होकर एक रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि दिनांक 16.7.2022 को रात्रि करीबन 3:00 बजे जब वे लोग सो रहे थे, अचानक उसके घर के अंदर धुआं भरने लगा पूरा परिवार बाहर आकर देखा तो उसका न्यू मारुति वैगन आर कार में आग लगी हुई थी पूरी गाड़ी जल रही थी प्रार्थी स्वयं एवं आसपास के लोगों के द्वारा आग को बुझाने का प्रयास किया गया कार पूरी तरह से जल गया आसपास के लोगों की मदद से आग को बुझाया गया । आग से जलकर लगभग 5 लाख रुपए का प्रार्थी को नुकसान हुआ जिसकी सूचना आगजनी क्रमांक 8 /2022 कायम कर जांच में लिया गया, आगजनी की जांच पश्चात घटना घटित होना पाए जाने पर दिनांक 16 .7. 2022 को थाना डभरा में अपराध क्रमांक 267 /2022 धारा 435 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत प्रथम सूचना पत्र पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया। जांच के दौरान अज्ञात आरोपियों की पता साजी की गई घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को देखा गया जिसमें दो लड़कों के द्वारा आग जलाते हुए दिखने पर आग लगाने वाले व्यक्तियों के हुलिया के अनुसार घटनास्थल के पड़ोस की दुकान में आना-जाना करने वाले लड़का ठाकुरपाली, चुराघाठा क्षेत्र का होना पहचान किया गया तब आरोपी रितेश बरेठ उर्फ विक्की तथा अमनदीप चौहान निवासी चुराघाठा को हिरासत में लेकर पूछताछ कर उनका मेमोरेंडम कथन लिया गया। घटना के समय पहने रेनकोट एवं घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल एसपी शाइन 125 तथा तीन नग विद्युत मीटर दो नग सीसीटीवी कैमरा जला हुआ बोरा अधजला प्लास्टिक बॉटल जला हुआ गेट का फाइबर प्लेट जप्त कर जपती पत्र तैयार किया गया। आरोपी रितेश बरेठ एवं अमनदीप चौहान थाना डभरा द्वारा आपराधिक षडयंत्र कर आग लगाना पाए जाने से आरोपियों को गिरफ्तार किया गया तथा धारा 435, 436, 120 बी ,427 भारतीय दंड विधान एवं धारा 4 लोक संपत्ति नुकसानी निवारण अधिनियम का घटना पाए जाने पर संपूर्ण विवेचना बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी डभरा के न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया जहां से उपरपण बाद प्रकरण द्वितीय अपर सत्र न्यायालय को प्राप्त हुआ जहां से अंतरण बाद प्रथम सत्र न्यायालय को प्राप्त हुआ। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 13 गांव को न्यायालय के सामने प्रस्तुत कर उनका गवाही लिया गया। आरोपीगण की ओर से बताया गया कि आरोपी गण निर्दोष हैं उन्हें झूठा फसाया गया है प्रार्थी द्वारा पुरानी रंजिश की वजह से झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है शार्ट सर्किट की वजह से आज लगा है या फिर जानबूझकर खुद की कार को प्रार्थी के द्वारा स्वयं जलाकर आरोपीगण को झूठा फसाया गया है। अभियोजन की ओर से बताया गया कि आरोपी गण के द्वारा अपराध किए जाने के संबंध में पर्याप्त साक्षी मौजूद है इसलिए आरोपीगढ़ को कठोर से कठोर दंड से दंडित करने का निवेदन किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रथम अपर सत्र न्यायालय के पीठासीन डॉक्टर ममता भोजवानी द्वारा दिनांक 27.5. 2024 को निर्णय पारित करते हुए आरोपीगण को भारतीय दंड विधान की धारा 435 में 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 रुपए धारा 427 में 1 वर्ष के सश्रम करावास एवं ₹2000 के अर्थ दंड से धारा 120 बि /435 भादवी में 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹5000 के अर्थ दंड से धारा 120 बि/ 427 भादवि. में एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹2000 के अर्थ दंड से तथा धारा 4 लोक संपत्ति नुकसानी निवारण अधिनियम में एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹2000 के अर्थ दंड से दंडित किया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से दुर्गा प्रसाद साहू अपर लोक अभियोजक ने पैरवी किया।