डाक और कुरियर के ज़रिए जुड़ रही रक्षा की डोर हर रास्ते से पहुंच रहा बहनों का स्नेह

सक्ती – रक्षाबंधन पर्व को लेकर जिले में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। डाकघरों के साथ-साथ निजी कुरियर सेवाएं भी इस भावनात्मक पर्व की साक्षी बन रही हैं। बहनें अब न केवल डाक विभाग के माध्यम से बल्कि प्राइवेट कुरियर कंपनियों के ज़रिए भी राखियाँ और उपहार अपने भाइयों को भेज रही हैं। रक्षाबंधन का डिजिटल युग में नया रूप जहाँ पहले डाक ही एकमात्र भरोसेमंद माध्यम था, वहीं अब बहनों के पास कई विकल्प मौजूद हैं। DTDC, ब्लू डार्ट, ईकॉम एक्सप्रेस, एक्सप्रेसबीज, डेलहिवरी जैसी नामचीन कुरियर कंपनियों के माध्यम से भी राखियाँ बड़ी संख्या में भेजी जा रही हैं। कई बहनें राखी के साथ चॉकलेट, गिफ्ट हैंपर, कपड़े और शुभकामना संदेश भी कुरियर से भेज रही हैं।
स्पीड और ट्रैकिंग बनीं पहली पसंद
बहनें इन निजी कुरियर सेवाओं को तेजी और ऑनलाइन ट्रैकिंग की सुविधा के कारण चुन रही हैं। उन्हें यह भरोसा रहता है कि राखी समय पर और सुरक्षित तरीके से भाई तक पहुंचेगी।
डाक और कुरियर दोनों सेवाएं निभा रही अहम भूमिका
डाक विभाग और निजी कुरियर कंपनियों दोनों की सेवाएं रक्षाबंधन के इस अवसर पर भावनात्मक पुल बनकर उभरी हैं। दोनों माध्यमों के जरिए रोजाना सैकड़ों राखियाँ जिले के भीतर और बाहर भेजी जा रही हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि तकनीक और पारंपरिक भावनाएं आज भी एक साथ कदम से कदम मिला रही हैं।
स्थानीय कुरियर एजेंसियों में भी बढ़ी भीड़
सक्ती, डभरा, मालखरौदा सहित अन्य ब्लॉकों में स्थित निजी कुरियर कार्यालयों में भी बहनों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। एजेंसियों ने भी स्टाफ बढ़ा दिया है ताकि सभी पार्सल और राखियाँ समय पर डिलीवर की जा सकें। रिश्तों की डोर अब हर रास्ते से जुड़ रही है — चाहे डाक हो या कुरियर, बहनों का प्यार हर हाल में भाई तक पहुंच रहा है। रक्षाबंधन सिर्फ एक पर्व नहीं, भावनाओं का बंधन है और डाक व कुरियर दोनों इसके वाहक हैं।