सक्ती नगर में पुस्तकालय खोलने की हुई स्वीकृति
विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ

सक्ती– प्रदेश के कुछ जिलों में पुस्तकालय स्वीकृत किये गये है। जिसमें सक्ती जिले का नाम भी सम्मिलित किया गया है। यह छात्र-छात्राओं के लिए बड़े ही हर्श का विशय है। जो प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से अपने प्रतिभा का लोहा मनवाना चाहते हैं। विषेशकर एसटी/एससी, पिछ़डा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के लोगों को आर्थिक दृश्टि से विपन्न युवक एवं युवतियों के लिये स्वार्णिम अवसर का द्वार खोलने वाली है। जानकारी हो, सक्ती जिले का षैक्षाणिक क्षेत्र में विषेश लगाव के कारण उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में विगत कई वर्शों से प्रावीण्य सूची में स्थान बनते आ रहा है। अब स्थानीय स्तर पर अध्ययन सामाग्री उपलब्ध हो जाने से उड़ान के लिए पंख लगेंगे। यह पुस्तकालय अध्ययन की नई संरचना का गठन करेगी साथ ही अखिल भारतीय स्तर के प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये भी पृश्ठभूमि तैयार करेगी। विदित हो कि सक्ती जिले बनने के पूर्व षैक्षाणिक जिले का दर्जा प्राप्त किया। आर्थिक दृश्टि से कमजोर प्रतिभावान विद्यार्थियों को इससे पर्याप्त सहायता मिलेगी। ज्ञात हो सन् 1952 ई. में म्युनिसिपल द्वारा संचालित पुस्ताकालय/वाचनाचल से इस क्षेत्र के विद्यार्थियों में भरपूर लाभ उठाया था। इससे संबंधित बजट को उच्चतर रखने की अपेक्षा है। सक्ती क्षेत्र के विधायक प्रदेष के नेता प्रतिपक्ष ने नागारिकों की मांग पर इस दिषा में गंभीरता पूर्वक प्रयास किया जिसके कारण कंचनपुर (ग्राम पंचायत बोरदा के आक्षित ग्राम) में जिन्दल वर्ल्ड स्कूल के सामने पुस्ताकलय की स्थापना हो सकी। यहां वर्तमान में अध्ययन सामाग्रियों का आभाव है।
महानगरों की तर्ज पर पुस्तकालय को विकसित करने की जरूरत – पुस्तकालय को महानगरों के तर्ज पर विकसित करने की आवष्यकता है। वाचनालय प्रकार का पुस्तकालय संस्कृति विकसित करने की यहां अति आवष्यकता है। पुस्तकें जीवन दर्षन से किसी भी दृश्टि से कम नहीं है।यहां पाठ्य एवं पाठ्यत्तेर सामाग्रियों की आवष्यकता है। विष्व प्रसिद्व पुस्तकें संदर्भ यंष के रूप में रहनी चाहिए। नागरिकों को इसका सामूहिक लाभ मिलना चाहिए। उत्तम ज्ञान एवं उत्तम न्यूह रचना के लिये सर्वोकृश्ट पुस्तकों का होना अनिवार्य है। इस हेतु प्रदेष सरकार अनुभवी षिक्षाविदों से विमर्ष कर पुस्तकें पुस्तकालय में रखवानी चाहिये।
महाविद्यालय के विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ –
सक्ती में नीजी क्षेत्र में और सरकारी क्षेत्र में कई संकायों के महाविद्यालय है। षासकीय कन्या महाविद्यालय भी है एक और महाविद्यालय कृशि की नितांत आवष्यकता है। पुस्तकालय का महाविद्यालय के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।