सक्ती

हत्यारे भाई को आजीवन कारावास की सजा एवं अर्थ दंड से दंडित किया गया

सक्ती – अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के एजीपी ऋषिकेश चौबे से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम केकराभाठ चौकी फागुराम थाना डभरा में दिनांक 9.4.2022 को सुबह करीब 9.30 बजे प्रार्थिया पल्लवी मालाकार जब वह अपने घर में थी उसी समय उसका जेठ आरोपी उद्धव मालाकार पल्लवी के घर के परछी में फरसा लेकर आया और जमीन संबंधी विवाद को लेकर पल्लवी को गाली गलौच करते हुए फरसा से मरने लगा जिससे पल्लवी के हाथ एवम कमर में चोट लगी, उसके बाद आरोपी अपने गांव के विजय सिदार के मकान के सामने चौक में जाकर बांस के बड़े डंडे से अपने भाई एवम पल्लवी के पति राजकुमार मालाकार के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर चोट पंहुचाया तब उसके परिवार वाले राजकुमार एवं उसकी पत्नी को इलाज हेतु डभरा अस्पताल ले गए थे। घायलों की स्थिति को देखते हुए डभरा से उन्हें इलाज हेतु रायगढ़ रेफर किया गया रामकुमार का इलाज रायगढ़ के जिंदल अस्पताल में हो रहा था इलाज के दौरान राजकुमार की मृत्यु हो गई । थाना कोतरारोड रायगढ़ में बिना नंबरी मर्ग रिपोर्ट दर्ज किया गया जिसके आधार पर थाना डभरा में नंबरी रिपोर्ट 26 / 2022 आरोपी के विरुद्ध दर्ज किया गया। शव पंचनामा तैयार किया गया। मृतक की पत्नी पल्लवी मालाकार की रिपोर्ट पर देहाती नलसी धारा 302 323 भा . द. वी. के तहत लिखा गया, आरोपी उद्धव प्रसाद मालाकार को अभीरक्षा में लेकर उसका कथन लिया गया तथा उससे एक फरसा जिसमें बांस का बेट लगा हुआ व एक बांस का डंडा जप्त किया गया तथा घटना के समय आरोपी द्वारा पहने गए टी-शर्ट को जप्त किया गया। संपूर्ण जांच के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथमश्रेणी डभरा के न्यायालय में चालान पेश किया गया। उपार्पण बाद यह प्रकरण द्वितीय अपर सत्र न्यायालय शक्ति में चला। शासन की ओर से कुल 20 गवाहों को न्यायालय में पेश कर उनका बयान लिया गया। आरोपी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि आरोपी निर्दोष है उसे झूठा फसाया गया है, शासन ने अपराध को संदेह से परे प्रमाणित नहीं किया है इसलिए आरोपी को दोष मुक्त किए जाने का निवेदन किया गया। शासन की ओर से बताया गया की आरोपी के द्वारा जमीन विवाद के कारण ही रंजिश रखते हुए राजकुमार को चोट पहुंचाकर उसकी हत्या किया गया एवं पल्लवी को चोट पहुंचाया गया है इसलिए आरोपी को कठोर से कठोर दंड से दंडित करने का निवेदन किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात विद्वान द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने दिनांक 6.12. 2023 को फैसला सुनते हुए आरोपी को धारा 302 भादवि. के अपराध के लिए आजीवन कारावास एवं 5000 रू.के अर्थ दंड से तथा धारा 324 भारतीय दंड विधान के अपराध के लिए 3 वर्ष के आश्रम कारावास एवं 1000 रु.के अर्थदंड से दंडित किया गया है। छ. ग.शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता/ अपर लोक अभियोजक ऋषिकेश चौबे ने पैरवी किया।