496 शिक्षकों से 7 करोड़ रुपये के फर्जी एरियर्स भुगतान की राज्य स्तर पर हो रही जाँच

जांजगीर चाम्पा जिले में 22 करोड़ रुपये का शिक्षकों को फर्जी भुगतान का मामला
सक्ती । जिले विकास खण्ड जैजैपुर के शिक्षकों को जिला पंचायत तत्कालीन सीईओ के द्वारा बिना गणना करवाये करोड़ो रूपये सीधे शिक्षकों के बैंक खाता में भेज दिए गए। जैसे ही कुछ शिक्षक को जो वास्तव में एरियर्स की राशि मिलना था उन्हें आज तक नही मिला । लेकिन कमीशन की लालच दलालों को भनक पड़ी तो कूद बैठे और मोटी रकम लेकर एरियर्स बाट दिए , जिसकी शिकायत हुए दो वर्ष पूरा हो गए थे । लेकिन अधिकारीयो की मजबूरी कहे या जरूरी अन्तः जाँच टीम गठित कर कार्यवाही करने में मजबूर हुए ।
सूत्रों से जानकारी के अनुसार नियम विरुद्ध करोड़ो रूपये की फर्जी भुगतान तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जांजगीर एवं तत्कालीन एकाउंट आफिसर की मिलीभगत से शिक्षकों के सीधे खाते में राशि भेज दिया गया था जिसकी भनक शिकायत कर्ता को पड़ी जिसने जिला कलेक्टर से दो साल पूर्व शिकायत की थी। लेकिन तथाकथित अधिकारी कर्मचारियो द्वारा मामला को दबाने का भरपूर प्रयास किया गया था , लगातार मीडिया में आने से ज्यादा दिन मामला को दबा नही पाए । जब तक कलेक्टर के टीएल मीटिंग में मामला नही आया था तब तक वसूली करने के बजाय बढ़ावा दिया जा रहा था । ऐसी मामला को शासन संज्ञान में लेकर पूरे छत्तीसगढ़ मे जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी मंत्रालय ने मांगा है ।
फिलहाल जैजैपुर विकास खण्ड में किये गए भुगतान की युद्ध स्तर में जाँच चल रही है जाँच की कमान उप संचालक जे पी रथ की अगुवाई में चल रही है अब यह देखना होगा कि कब तक जाँच पूरा किया जाएगा और वसूली कब तक होगी ।
तत्कालीन कलेक्टर ने लगातार मीडिया में खबर प्रकाशित को देखते हुए तत्काल जाँच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने जिला शिक्षा अधिकारी को कहा गया , जैसे ही प्रस्तुत किया गया उसके कुछ दिनों बाद ही 496 शिक्षकों को एरियर्स भुगतान की वसूली के आदेश जारी कर दिया गया आदेश होते ही शिक्षकों में हड़कम मच गया और तरह तरह की बाते सामने आने लगी तो सरकार ने नए सिरे से मंत्रालय स्तर पर जाँच टीम गठित कर दिया गया और लगातार जाँच कड़ी दर कड़ी चल रही है ।
जिला पंचायत के शिक्षा शाखा के बाबुओं का कारनामा
आपको बता दे कि शिकायतकर्त्ता ने लगातार सूचना के अधिकार के माध्यम से किये गए भुगतान की सूची मांगते रहे लेकिन यहां की बाबुओं के कान तक मे जु तक नही खुजलाई और मामला को दबाने में एड़ी चोटी एक कर दी यहां तक कि तत्कालीन सीईओ तक को गुमराह कर दिया गया। लेकिन जैजैपुर बीईओ के द्वारा गणना पत्रक दिए हुए को आज पर्यन्त तक जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती को नही दिए न ही भुगतान किए गए सूची को उपलब्ध कराया गया , उसके बाद भी ऐसे संविदा कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नही होना समझ से परे हुए है ?
संविदा कर्मचारी पर अधिकारी मेहरबान
जिला पंचायत जांजगीर के शिक्षा शाखा में ऐसे संविदा कर्मचारी है जिसके सामने अधिकारी तक कि नही चलती इनकी जो मन करे वही शिक्षा शाखा में होती है । करोड़ो रूपये की शासकीय राशि का हेरफेर हो गया और इनके बहकावे में आकर 22 करोड़ रुपये की फर्जी भुगतान भी हो गया लेकिन आज पर्यन्त तक जाँच की विषय बनकर जाँच दो सालों से चल रही है । जो सरकार की वेतन लेकर अपना जीवन यापन चलाया जा रहा है वही सरकार पर वफादार कर्मचारी नही है ऐसे कर्मचारियों को पद से मुक्त कर देना चाहिए ।
सूचना के अधिकार में नही देती जानकारी
आपको बता दे ऐसी आशंका है कि एरियर्स के नाम पर करोड़ो रूपये की बंदरबांट शिक्षा शाखा जिला पंचायत के कर्मचारियों की कारनामे से हुई होगी क्योंकि इनका सूची शिक्षा शाखा में ही था , लेकिन शिक्षा शाखा की एक कर्मचारी द्वारा न तो सूचना के अधिकार में जानकारी देना उचित समझा और न ही जिला शिक्षा अधिकारी के पत्र से सूची देना एवं शिकायतकर्ता और डीईओ को गुमराह करते रहे । जैसे ही टी एल की मीटिंग में शिकायत हुआ फिर अधिकारी हरकत में आये और सीधे शिक्षा शाखा स्वयं पहुचकर तत्काल सूची को भेजने को कहा , तब कही जाकर कवरींग लेटर बनवाकर जिला शिक्षा कार्यालय सूची को भेजवाये । यह बड़ी विडम्बना है की संविदा कर्मचारी द्वारा अपने विभाग को दो साल तक गुमराह किया जाता रहा और अधिकारी गुमराह होते रहे जो समझ से परे हुए है ।
496 शिक्षकों से एरियर्स की राशि वसूली होने का हुआ था आदेश
यशवंत कुमार गबेल रु 254786 लाख रुपये,श्रीमती फरीदा खान रु 254786 लाख रुपये,
विलफ्रेड एक्का रु 1027528 लाख रुपये,श्रीमती प्रेमलता चन्द्रा रु 95569 हजार रुपये,
जितेंद्र कुमार जांगडे रु 254786 लाख रुपये,
श्रीमती कुमारीनबाई रु 254786 लाख रुपये,विवेकप्रताप सिंह रु 558023 लाख,सीताराम चन्द्रा रु 92726 हजार रुपये,
कमलकुमार सिदार रु 774038 लाख रुपये, भागीरथी चन्द्रा रु 115541लाख रुपये,रामकुमार चन्द्रा रु 599715 लाख रुपये एवं 63642 हजार रुपये,
अशोक कुमार तंबोली रु 192660 लाख रुपये,श्रीमती विनीता तंबोली रु 196266 लाख रुपये,जगमोहन राठिया रु 779165 लाख रुपये,खेवेन्द्र जायसवाल 214868,शिवकुमार खरसन 341533,जितेंद्र कुमार राज 719949,मनीष कुमार सिदार 620160,मधुसूदन साहू 128434,सीताराम भारते 109529,राकेश कंवर 220608,मधुसूदन साहू 128225,द्रोड कैवर्थ 197206,देवकुमार कश्यप 351804,लेख राम चन्द्रा 321966,अशोक कुमार श्रीवा 808036,लक्ष्मीनारायण डनसेना 685565,श्यामसुंदर जांगड़े 403653,सुरेश यादव 669455,किरित राम उरांव 534405,करुणा पटेल 186572,विनय कुमार रात्रे 581330,पाजंलि निषाद 105483,शिवकुमार कुर्रे 470375,श्याम कुमार साहू 580245,मनोज कुमार आदित्य 690523,हरकुमार गोंड़ 630982,अनुजा भारद्वाज 833485,पूनम नेताम 328242,ऋषिकुमार चन्द्रा 719018,हाय कुमार गोंड़ 304165,अनूप साहू 328729,गणेश राम खूंटे 1014401,दयावन्द रात्रे 368791,विजय टण्डन 349020,दिलेश्वर लहरे 636632,भूषण महिलांगे 226188,धरम दास चन्द्रा 659359,ललित 1004416,विभा बंजारे 1109685,प्रतिभा राठौर 405881,देवकुमारी चन्द्रा 546808,रीना चन्द्रा 205595 लाख रुपये सहित लगभग 496 शिक्षक शिक्षिकाओं को एरियर्स की राशि जिला पंचायत से भुगतान किया गया है सूत्रों से जानकारी अनुसार सभी अपात्र की श्रेणी में आने की संभावना जताई जा रही है बरहाल जो भी हो वसूली आदेश होने के बाद ही स्पष्ट हो जाएगा
दो चार दिनों में जाँच पूर्ण कर लिया जाएगा उसके बाद जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा
जे पी रथ
अतिरिक्त संचालक
लोक शिक्षण संचानालय रायपुर
जांच टीम के प्रतिवेदन के आधार पर वसूली की कार्यवाही किया गया था लेकिन पुनः जाँच राज्य स्तर पर हो रहा है इस संबन्ध में अभी कुछ बता नही सकता
बी एल खरे
जिला शिक्षा अधिकारी
सक्ती