ब्रम्हाकुमारिज सेंटर में मातृ दिवस पर बल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ

मां तो मां है, मां है तो सारा जहां है … इस दुनिया में मां से बड़ा कोई नहीं…अधिवक्ता चितरंजय पटेल
बच्चों की मुस्कुराहट से हमारे जीवन में अनायास ही खुशियों की बहार आ जाती है…तुलसी बहन

सक्ती । मां तो मां है, मां है तो सारा जहां है … इस दुनिया में मां से बड़ा कोई नहीं क्योंकि मां को छोड़ बाकी रिश्ते जन्म लेने के बाद बनते हैं पर मां से रिश्ते गर्भ में यानी 9 माह पूर्व ही बन जाता है जब मां गर्भ में अपने हिस्से का हर चीज देकर हमें इस धरा में पांव पसारने लायक बनाती है यह उद्गार व्यक्त करते हुए उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने कहा कि मां ही वह हस्ती होती हैं जिसके तन के सहारे हैं हम दुनिया का दीदार करते हैं।
आज मातृ दिवस पर ब्रम्हाकुमारिज द्वारा बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ करते हुए केंद्र संचालिका तुलसी बहन ने कहा कि बच्चों की मुस्कुराहट से हम सबके जीवन में अनायास ही खुशियों की बहार आ जाती है और इन्हीं बच्चों के साथ हम सात दिन गुजारने वाले हैं और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने उन्हें मांजने का काम करेंगे ताकि देश के भविष्य आप सभी बच्चे आध्यात्मिक, मानसिक, नैतिक, शारीरिक और चारित्रिक रूप से सशक्त होकर राष्ट्र के विकास में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।
इन पलों में उपस्थित डा कात्यानी बहन ने सभी माताओं को मातृ दिवस की शुभ कामनाएं दिया तथा मंचासीन शिक्षक मनोज चौहान, नर्स शांति चौहान, शिक्षिका आरती यादव ने भी मां की महिमा पर अपनी बात रखते हुए बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामनाएं की।
आज बाल व्यक्तित्व विकास शिविर के प्रथम दिवस पर १५ वर्ष तक आयु वर्ग की करीब ५२ बच्चों ने शामिल हो अपना परिचय देकर प्रशिक्षिका कुमारी शांति सिंह से रुबरु चर्चा करते हुए अपने भविष्य व जीवन के लक्ष्य के बारे में बताया तब शांति सिंह ने कहा कि इस सात दिवसीय शिविर में बच्चों को आध्यात्मिक व नैतिक शिक्षा के साथ गीत संगीत, चित्रकला, भाषण , सामान्य ज्ञान आदि विषयों पर विषय विशेषज्ञों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा।
आज मातृ दिवस एवम बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का सफल संचालन मधु बहन ने किया तो वहीं आयोजन को सफल बनाने बहन शकुंतला, कांति, सरस्वती,पुष्पलता के साथ भाई विमल,राजेश, प्रेमशंकर, राजा, नरेश आदि की सक्रिय सहभागिता रही।