महाशिवरात्रि पर बाबा धाम में स्थापना के रजत जयंती वर्ष में अदभुत एवं निराली छटा के साथ समारोह का होगा आयोजन

ईश्वरीय वरदान से ही ईश्वरीय निकटता हासिल होती है चितरंजय पटेल
सक्ती । ईश्वरीय वरदान से ही ईश्वर की निकटता हासिल होती है और जब प्रभु की निकटता हासिल हो जाए तो लौकिक और प्राकृतिक घटनाएं उसे प्रभावित नहीं कर पाती है, यह उद्गार आज देर मध्य रात्रि श्री श्री १०८ सत्यनारायण बाबा के दर्शन का लाभ व आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद व्यक्त करते हुए अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने बताया कि महा शिवरात्रि उत्सव के पूर्व बाबा धाम की छटा अदभुत व निराली नजर आ रही है।
आज अल्प प्रवास पर मित्र मंडली में पूनम अग्रवाल, ईश्वर अग्रवाल, बाबा भक्त ललित साहू के साथ रात्रि १ बजे बाबा धाम में श्री श्री सत्य नारायण बाबा के दर्शन का एक विशेष अनुभव मिला कि पहली बार ब्रह्ममुहूर्त काल में बाबा जी ने सिर पर हाथ रख आशीर्वाद प्रदान किया और महा शिवरात्रि पर पुन: पधारने का इशारा किया। चूंकि अब तक बाबा का दूर से ही दर्शनलाभ मिलता रहा पर आज उनके हाथों से सिर पर स्पर्श विशेष अनुभूति प्रदान की गई ।
ज्ञात हो कि ग्राम कोसमनारा (रायगढ़) के हाईवे से लगे खेत में आज से ठीक २५ वर्ष पूर्व महाशिवरात्रि पर्व पर गांव के बालक सत्यनारायण साहू ने भगवान भोले नाथ को अपनी जिह्वा समर्पित कर खेतों के बीच मेड़ पर हठ योगी के रूप में निर्वाण प्राप्त कर लिया तब से आज तक सफर में हर मौसम चाहे बारिश हो या गर्मी की तपती धूप या फिर ठिठुराती ठंड बाबा के हठ योग पर असर नहीं डाल सकी और कोसमनारा का वह बालक आज श्री श्री १०८ सत्यनारायण बाबा के रूप में विख्यात होकर अपने आस्था के धाम में लोगों के लिए आज भी उनका जीवन अचरज का विषय है। इस वर्ष स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर समारोह की अभी से धाम की छटा अदभुत व निराली नजर आ रही है।