श्रीमद् भागवत ही इस संसार का श्रेष्ठ सत्कर्म है–कथा व्यास आचार्य राजेंद्र जी महाराज

भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का हुआ शुभारंभ

सक्ती – नगर के एनटीपीसी क्षेत्र , पुष्प पल्लव कॉलोनी में भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ किया गया है । कलश यात्रा में क्षेत्र के सैकड़ो मातृशक्ति, एवं पुरुषों ने भाग लिया तथा कलश और भागवत का धर्म ध्वज हाथ में लेकर जयकारा तथा भजन कीर्तन के साथ कथा स्थल के विशाल पंडाल में वेदी पूजा , प्रतिष्ठा के साथ यज्ञ का शुभारंभ हुआ । कथा व्यास आचार्य राजेंद्र जी महाराज द्वारा प्रथम दिवस श्रीमद् भागवत महात्म्य कथा अर्थात 6 अध्यायों में भक्ति देवी के दोनों पुत्र ज्ञान और वैराग्य पर भगवत रूपी सत्कर्म कृपा से जरावेस्था से मुक्त होकर किशोर अवस्था की प्राप्ति तथा भगवत कृपा से ही धुंधकारी की प्रेत योनि से मुक्त होकर परमधाम की प्राप्ति की कथा सुनाई गई । आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने श्रोताओं को बताया की भागवत रूपी सतर्कता केवल पुरुषार्थ के कारण नहीं बल्कि भाग्योदय होने पर ही प्राप्त होता है , यही इस संसार का सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म है , जो देव दुर्लभ भी है ।
28 वे कलयुग में संपूर्ण प्राणियों के कल्याण के लिए भगवान श्री कृष्ण ही शब्द रूप में श्रीमद् भागवत में विराजमान हो गए हैं, यह उन्हीं का वांग्मय स्वरूप है । इसी सप्ताह ज्ञान यज्ञ को शुक देव जी के मुखारविंद से धरती में पहली बार महाराजा परीक्षित ने श्रवण कर आत्मशत किया था और उन्हें परमधाम अर्थात मोक्ष की प्राप्ति हुई थी । भागवत भगवान के अवतारों का इतिहास है, तथा हमारे पौराणिक काल एवं वैदिक परंपरा के साथ ही हमारी संस्कृति का संस्मरण है, भागवत की दूरदर्शिता वर्तमान भारत के लिए बहुत ही उपयोगी एवं महत्वपूर्ण शोध है । मनुष्य इसी जन्म में ही अपने भाभी जन्म की तैयारी करता है, दुख सुख और क्लेश ,कलह , उसके जन्म और मृत्यु भी कर्मों के ही कारण होता है । इसलिए सभी कर्मों को सत्कर्म बनाते हुए भगवान पर समर्पण कर देना चाहिए । इस अवसर पर धर्मपाल राठौर , श्रीमती कुसुम कन्हैया राठौर , मनोहर नायक , भारत लाल साहू , अशोक कुमार चंद्रा, पी, एल पांडे, श्रीमती कुंज बाई, श्रीमती प्रीति अजय राठौर, श्रीमती शीतल सुभाष राठौड़, श्रीमती खुशबू वीरेंद्र राठौड़ , आदि अनेक श्रोता उपस्थित थे। श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन एवं यजमान श्रीमती संतोषी चंद्रपाल राठौर एवं धर्मजीत द्वारा प्रतिदिन अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण के साथ अक्षय पुण्य प्राप्त करने हेतु पधारने की अपील की गई है ।