सक्ती

अयोध्या के श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सक्ती शहर में भी उत्साह

विहिप द्वारा अक्षत कलश का किया गया वितरण,राम भक्तों ने कहा-ऐतिहासिक होगा श्री राम मंदिर का समारोह,मंदिर की जानिए जानकारी कैसा है यह भव्य मंदिर

सक्ती – अवधपुरी में श्री राम लला का भव्य मंदिर बनकर तैयार है, जिसके लिए सर्व हिंदू समाज के घर घर से लोगों ने राम मंदिर निर्माण में अपनी सहभागिता दी फलस्वरूप अब नव निर्मित भव्य श्री राम मंदिर के दशनार्थ लोगों अक्षत कलश यात्रा के साथ लोगों को अक्षत और श्री राम मंदिर के चित्र के साथ विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता घर घर जाकर आमंत्रित करेंगे,इसी तारतम्य में राम मंदिर से निकलकर अक्षत कलश यात्रा सामुदायिक भवन में विसर्जित हुई जहां से सकती जिले सक्ती,चांपा, बाराद्वार, मालखरौदा,जैजैपुर,डभरा, बम्हनीडीह खंड के लिए अक्षत कलश कार्यकर्ताओं को समर्पित की गई जिसे सिर पर धारण कर बाजे गाजे के साथ अपने स्थानों के लिए प्रस्थान किए। इस अवसर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ परिवार व अनुसांगिक संगठन के लोगों की गरिमामय सहभागिता रही
श्री राम मंदिर निर्माण समिति, अवधपुरी से भेजे गए कलश वितरण की बेला में का बाबूलाल सिंह, पुष्पेंद्र चंद्रा, रमेश सिंघानिया, रामकृष्ण राठौर, वरुणेंद्र तिवारी,अजीत उपाध्याय, रूपेंद्र कट्टर हिंदू, दुकालू राम, गौरीशंकर, राजकमल, टीकम चौहान, अमरदास मानिकपुरी, अधिवक्ता चित्रंजय पटेल आदि संघ परिवार के लोग भारी संख्या में शामिल होकर जय श्री राम का उद्घोष कर रहे थे और बाजे गाजे के साथ सिर पर कलश लेकर पैदल शोभायात्रा में शिरकत किये,विश्व हिंदू परिषद की ओर से आग्रह किया गया है श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के पावन बेला पर सभी हिंदू जन अपने घरों , देवालयों में दीपक जलाकर पूजन आरती अवश्य करें
अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर,श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का विवरण
यह मंदिर परम्परागत नागर शैली में निर्मित है, मंदिर की लम्बाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट एवं ऊँचाई 161 फीट है,तीन मंजिला मंदिर, प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट, कुल 392 खम्भे 44 दरवाजे है,इसका भूतल गर्भगृह-प्रभु श्रीराम के बाल रूप (श्रीरामलला) का विग्रह, प्रथम तल गर्भगृह-श्रीराम दरबार है,कुल पाँच मंडप – नृत्यमंडप, रंग मंडप, गूढ़ मंडप (सभा मण्डप), प्रार्थना मंडप, कीर्तन मंडप है,यहाँ खम्भे, दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियाँ लगी हुई है, प्रवेश पूर्व से, 32 सीढ़ियाँ (ऊँचाई 16.5 फीट) चढ़कर सिंहद्वार से होगा,दिव्यांगजन तथा वृद्धों के लिए रैम्प एवं लिफ्ट की व्यवस्था होंगी,मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा (प्राकार)- लम्बाई 732 मीटर, चौड़ाई 4.25 मीटर, परकोटा के चार कोनों पर चार मंदिर भगवान सूर्य, शंकर, गणपति देवी भगवती, परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमान एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर स्थापित है,मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप है,श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मन्दिर -महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वसिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज गुह, माता शबरी एवं देवी अहिल्या मंदिर होंगे,इसके दक्षिणी-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्वार एवं रामभक्त जटायु राज प्रतिमा की स्थापना की गई है
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र एवम विश्व हिंदू परिषद का राम भक्तों से निवेदन
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र एवम विश्व हिंदू परिषद ने राम भक्तों से निवेदन करते हुए कहा है कि आगामी पौष शुक्ल, द्वादशी, विक्रम संवत् 2080, सोमवार (दिनांक 22 जनवरी, 2024) के शुभदिन, प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण-प्रतिष्ठा की जायेगी,इस अवसर पर अयोध्या में अभूतपूर्व आनन्द का वातावरण होगा। आप भी प्राण-प्रतिष्ठा के दिन (पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्न 01:00 बजे के मध्य) अपने ग्राम, मोहल्ले, कॉलोनी में स्थित किसी मंदिर में आस-पड़ोस के रामभक्तों को एकत्रित करके, भजन-कीर्तन करें, टेलीविजन अथवा कोई पर्दा (L.E.D., स्क्रीन) लगाकर अयोध्या का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह समाज को दिखायें शंखध्वनि, घंटानाद, आरती करें, प्रसाद वितरण करें,कार्यक्रम का स्वरूप मंदिर केन्द्रित रहे, अपने मंदिर में स्थित देवी-देवता का भजन-कीर्तन-आरती-पूजा तथा “श्रीराम जय राम जय जय राम” विजय महामंत्र का 108 बार सामूहिक जाप करें। इसके साथ हनुमान चालीसा सुंदरकांड, रामरक्षा स्तोत्र आदि का सामूहिक पाठ भी कर सकते हैं। सभी देवी-देवता प्रसन्न होंगे, वातावरण सर्वत्र सात्विक एवं राममय हो जायेगा प्राण-प्रतिष्ठा समारोह दूरदर्शन द्वारा सीधे प्रसारित किया जायेगा, अनेक चैनलों के माध्यम से भी प्रसारण किया जायेगा,प्राण-प्रतिष्ठा के दिन सायंकाल सूर्यास्त के बाद अपने घर के सामने देवताओं की प्रसन्नता के लिए दीपक जलाएँ; दीपमालिका सजायें, विश्व के करोड़ों घरों में दीपोत्सव मनाया जाये,आपसे निवेदन है कि प्राण-प्रतिष्ठा दिन के उपरान्त प्रभु श्रीरामलला तथा नवनिर्मित मंदिर के दर्शन हेतु अपने अनुकूल समयानुसार अयोध्याजी में परिवार सहित पधारें। श्रीराम जी की कृपा प्राप्त करें।