सक्ती

श्याम शिक्षा महाविद्यालय प्रबंधन, मनचाही फीस लेकर दे रहे नॉन अटेंडिंग की विशेष सुविधा

प्रवेश लेने के बाद घर बैठे करें बीएड-डीएड, प्रैक्टिकल और परीक्षा देने आ जाओ बस

सक्ती  –  ज़िले में इनदिनों शिक्षा को लेकर बड़ा खेल चल रहा है, बीएड डीएलएड के नाम पर लाखों की वसूली कर मेहनतकश छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का बड़ा खेल श्याम शिक्षा महाविद्यालय द्वारा खेला जा रहा है, जिले में शिक्षा माफिया रुपया बनाने के लिये अनुचित तरीके से लोगों को भ्रमित कर डिग्री डिप्लोमा दिलवा रहे हैं जो कि पढ़ाई करने वाले मध्यम वर्गीय बच्चों के साथ सरासर अन्याय है, न सिर्फ बच्चों के साथ अन्याय है बल्कि उन अभिभावकों के साथ भी अन्याय है जो दिन रात मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिये संर्घष कर रहे हैं।

श्याम शिक्षा महाविद्यालय दे रहा कॉलेज नहीं आने की सुविधा

सक्ती जिले के वनांचल क्षेत्र ऋषभतीर्थ में संचालित श्याम शिक्षा महाविद्यालय अपने संचालित कोर्स के लिए शहीद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त है। श्याम शिक्षा महाविद्यालय बीएड, डीएड, एमएड प्रोफेशनल के कई कोर्स का संचालन करता है जिसके लिए अलग अलग भारी भरकम फीस भी तय है। इस कॉलेज के कर्ताधर्ता इतने चालाक हैं कि फोन पर वे सीधे सीधे मुद्दे की चर्चा नहीं करते हैं, वे कहते हैं कि आप कॉलेज आ जाओ बाकी की बातें वही बैठकर तय कर लेंगे। जैसा आप चाहेंगे हो जाएगा।
श्याम शिक्षा महाविद्यालय सक्ती जिले सहित आसपास के विद्यार्थियों को नॉन अटेंडिंग क्लासेस की सुविधा देने में नए नए शिखर छू रहा है, इस कॉलेज के छात्र भी बिना क्लासेज अटेंड किये परीक्षा में भी बैठ जाते हैं और छात्रवृत्ति भी पा लेते हैं। बता दें कि यह फर्जीवाड़ा कोई पहली बार या पहले कोर्स में नहीं हो रहा है। यह कई सालों से चल रहा है और बहुत ही आर्गनाइज्ड रूप से इसको अंजाम दिया जाता है। इसमें कॉलेज संचालकों के साथ यूनिवर्सिटी के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से 75 प्रतिशत उपस्थिति को कागजों में पूर्ति कर पूरा कर दिया जाता है। इस मामले में यूनिवर्सिटी जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करती है। शासकीय/अशासकीय स्कूल में शिक्षक भर्ती के लिए बीएड डीएड कोर्स होना आवश्यक है और नॉन अटेंडिंग क्लास की सुविधा मिलने से इस कोर्स में भरपूर एडमिशन मिल जाते हैं। इस पूरे खेल के पीछे सबसे बड़ा कारण है विद्यार्थियों को दी जाने वाली नॉन अटेंडिंग क्लास की सुविधा, के साथ नॉन अटेंडिंग क्लास के नाम पर ली जा रही अधिक फीस जो राशि करोड़ों में है जो सीधे कॉलेज संचालकों की जेब में जा रही है इसके लिए एक पुरानी कहावत है “हींग लगे न फिटकरी रंग चौखा हो जाए”। 


नॉन अटेंडिंग क्लास की सुविधा से शिक्षा बना व्यापार

सक्ती जिले के वनांचल क्षेत्र ऋषभतीर्थ में संचालित श्याम शिक्षा महाविद्यालय अपने विद्यार्थियों को नॉन अटेंडिंग क्लास की सुविधा देकर शिक्षा को व्यापार बना डाला है, मै ऐसा कहूं तो गलत नही है क्यौकि इस महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त करने वाले अधिकतर छात्र-छात्राएं नॉन अटेंडिंग क्लास की सुविधा लेते है जिसके लिए महाविद्यालय प्रबंधन छात्र-छात्राओं से मोटी फीस वसूलता है। इस नॉन अटेंडिंग क्लास की सुविधा का खुलासा खुद महाविद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने किया है।

नॉन अटेंडिंग क्लास के साथ इंटर्नशिप भी नॉन अटेंडिंग

जानकारी के अनुसार श्याम शिक्षा महाविद्यालय अपने बीएड अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को इन दिनों अभ्यास शिक्षण ; इंटर्नशीप द्ध के लिए जिले के आसपास के स्कूलों में 07 अक्टूबर 2024 से 19 नवंबर 2024 तक के लिए इंटर्नशीप करा रही है। इस दौरान हमने कई स्कूलों में जाकर जाएजा लिया कि आखिर बीएड अंतिम वर्ष के इंटर्नशीप कर रहे छात्र-छात्राए स्कूल पहुच रहे है की नही। इस दौरान कई चौकाने वाले खुलासे हुए, श्याम शिक्षा महाविद्यालय के नॉन अटेंडिंग क्लास करने वाले छात्र छात्राएं इंटर्नशीप करने स्कूलों में भी नही पहुंच रहे है। उच्च शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अगर श्याम शिक्षा महाविद्यालय के 3 सालों के रिकार्ड को ही सही से जांच कर ले तो कई खुलासे हो जाऐंगे।

डां विनय प्रताप सिंह प्राचार्य श्याम शिक्षा महाविद्यालय ऋषभतीर्थ सक्ती

  जिस क्षेत्र में हम महाविद्यालय चला रहे है उस क्षेत्र में बच्चों से बहुत अपेक्षाए नही कर सकते कि वे अपनी उपस्थिती दे सके। खेती किसानी का भी कार्य चल रहा है इसलिए ऐसी संभावनाए हो सकती है कि कुछ बच्चे ना पहुंचे। यह क्षेत्र ऐसा है कि हम शहर की तुलना यहां नही कर सकते।