सक्ती

12 रबीउल अव्वल के अवसर पर समाज के असहाय लोगों की सहायता भी करें मुसलमान

मुफ्ती रौशन रज़ा मिस्बाहीअज़हरी

सक्ती – माशा अल्लाह रबीउल अव्वल का पवित्र महीना शुरू हो गया है और इस महीने के आते ही पूरी दुनिया के मुसलमानो मे एक अलग तरह़ की खुशी और उत्साह नज़र अरहा है, क्यूँ कि इसी महीने की 12वीं तारीख़ को अरब की धरती पर आज से साढ़े चौदह सौ वर्ष पहले इस्लाम के पैगंबर हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पैदा हुए थे|
आप के दुनिया मे आने से पहले अरब के ह़ालात बहुत ख़राब थे जैसा के इतिहास मे मौजूद है! हर तरफ ज़ुल्म, अत्याचार, भेद भाव जैसी स्थिति थी मग़र आप आए तो आप ने हर वर्ग के लोगों के साथ बराबरी और समानता का व्यवहार किया ,आप के अच्छे चरित्र की वजह से लोग आप के दिन व मजहब मे शामिल होने लगे और देखते देखते पूरी दुनिया मे आप के अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी.
पुरी दुनिया का मुस्लिम समुदाय इस दिन को अपने पर्व के रूप में पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाता है, बेशक मनाना भी चाहिए ताकि दूनिया के लोगों को पता चले कि आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है मगर इस्लाम धर्म मे उसी ख़ुशी की अनुमती है जो शरीअत के अंदर रहे अगर कोई व्यक्ति इस के विरुद्ध जाता है तो वो मुजरिम घोषित होगा। इस लिए तमाम मुस्लिम युवाओं से निवेदन है कि आप जुलूस ज़रूर निकालें मगर जुलूस के अंदर कोई भी ऐसा नारा ना लगाएं जिस से दूसरों की भावनाएँ आहत हों, जुलूस के दौरान दूसरों के किसी भी धार्मिक स्थल को नुक़्सान ना पहुंचाएं और सड़क जाम ना करें और बहुत तेज आवाज में DJ न बजाएं जिस से बुढ़े, कमज़ोर लोगों को तकलीफ हो।
और साथ ही साथ इस महत्वपूर्ण मौक़े से समाज के कमज़ोर, असहाय लोगों की सहायता करें, हस्पताल जाएं और वहाँ बीमारों का हाल पूछें और उन की सहायता करें, पड़ोस के लोगों मे और कोई निर्धन और ग़रीब है तो उन के घर मे राशन भेजें, अपने रिश्तेदारों को उपहार दें ताकि वो भी आप की खुशियों मे शरीक हो जाएं और उन्हें भी लगे कि आज सारे संसार के लोगों पर उपकार करने वाले महान पैग़म्बर पैदा हुए थे।