सक्ती

सक्ती जिले की कमान किसके हाथों में

भाजपा जिलाध्यक्ष के संभावित चेहरे

सक्ती –  भाजपा संगठन पर आधारित राजनीतिक दल है इस दल में संगठन ही सर्वोपरि होती है। बीते विधानसभा चुनाव में प्रदेश में भाजपा ने बढ़त बनाते हुए अपनी सरकार बना ली है। लोकसभा चुनाव में प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 11 में से 10 सीटें जीतकर सरकार और संगठन ने अपनी पकड़ साबित कर दी है।

प्रदेश में अपनी स्थिति को और भी अधिक मजबूत करने के लिए तथा संगठन में जिला स्तर पर कार्य करने के लिए संगठन का चुनाव होना है। संगठन के माध्यम से भाजपा अपनी जमीनी पकड़ को और भी ज्यादा मजबूत करना चाहती है ताकि आगामी वर्षों में प्रदेश में भाजपा की स्थिति को और बेहतर किया जा सके।

सक्ती जिले में भाजपा के कई नेता हैं जिनपर प्रदेश संगठन की नजर है। सक्ती भाजपा जिलाध्यक्ष बनने की दौड़ में कुछ नए चेहरे हैं जिनपर भाजपा दांव लगा सकती है।
खिलावन साहू :
सकारात्मक पक्ष: पूर्व विधायक रहे हैं भाजपा संगठन में लगातार कार्य करने का अवसर मिला है। जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं में मेल मुलाकात हमेशा बनी रहती है।एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में पहचान बनी हुई है। प्रदेश के बड़े नेता नारायण चंदेल का करीबी माना जाता है।
नकारात्मक पक्ष: 2023 के विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारण दावेदारी में प्रभाव पड़ सकता है। अपने क्षेत्र विशेष में विधानसभा तथा लोकसभा दोनों ही चुनाव में काफी मतों के अंतर से भाजपा का पिछड़ना कहीं न कहीं जिलाध्यक्ष बनने की राह में रोड़ा बनेगा।
रामअवतार अग्रवाल:
सकारात्मक पक्ष : विगत कई वर्षों से भाजपा कार्यकर्ता के रूप में पहचान है। लगातार संगठन में कई पदों पर कार्य करने का अनुभव है। शहरी क्षेत्र में भाजपा के कद्दावर माने जाते हैं। भाजपा के बड़े नेताओं से मजबूत संबंध हैं।
नकारात्मक पक्ष : वर्तमान में स्वास्थ्य गत कारणों से सक्रियता में कमी आई है तथा पार्टी के कार्यक्रमों में ज्यादा भागदौड़ न कर पाना इनके लिए रोड़ा बन सकता है।

टिकेश्वर गबेल:
सकारात्मक पक्ष: वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं अपने जिला पंचायत क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं। युवा हैं राजनीति विरासत में मिली है ,प्रदेश के बड़े नेताओं से मधुर संबंध हैं।
नकारात्मक पक्ष : कम उम्र के कारण बड़ी जिम्मेदारी संभालने में परिपक्व नहीं हैं जिले के अन्य क्षेत्रों में सक्रियता का अभाव दिखाई पड़ता है।
गोपी सिंह ठाकुर:
सकारात्मक पक्ष : वर्तमान जिलाध्यक्ष के करीबी हैं। एस डी ओ फारेस्ट विभाग से रिटायर्ड हैं। वर्तमान जिलाध्यक्ष का समर्थन इनको मिल सकता है।
नकारात्मक पक्ष : संगठन में कार्य करने का कोई अनुभव नहीं है, अनुभव की कमी इनके जिलाध्यक्ष बनने में बाधा बन सकती है।

कवि वर्मा:
सकारात्मक पक्ष : पूर्व सरपंच होने के साथ साथ युवा कार्यकर्ता के रूप में पूरे क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रहे हैं। लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं।
नकारात्मक पक्ष : विधानसभा चुनाव में मालखरौदा क्षेत्र में अपेक्षित मत नहीं दिला पाना इनके लिए समस्या बना हुवा है जबकि क्षेत्र के प्रभावशाली नेता माना जाता है पर अपना प्रभाव दिखा पाने में असफल रहे।

निर्मल सिन्हा:
सकारात्मक पक्ष : प्रदेश स्तर के स्थापित बड़े नेता हैं, प्रदेश में अच्छी पकड़ है। लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं।
नकारात्मक पक्ष : अपनी कार्यशैली और अपनी कड़क मिजाज के कारण कई बार अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ता है।कार्यकर्ताओं से अपने व्यवहार के कारण बढ़ती दूरी विपरीत प्रभाव डाल सकती है।

प्रेम पटेल:
सकारात्मक पक्ष : युवा हैं वर्तमान में भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष हैं। अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में भाजपा को लीड दिलाई है।
नकारात्मक पक्ष : ग्रामीण क्षेत्र से आने के कारण शहरी नेताओं का पूर्ण सहयोग नहीं रहता है, ग्रामीण कार्यकर्ता होने के कारण शहरी क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के बीच चल रही रस्साकशी के कारण संशय की स्थिति बन जाती है।

संजय रामचन्द्र:
सकारात्मक पक्ष : विगत कई वर्षों से कार्यकर्ता के रूप में पहचान बनी हुई है। 3 साल जिला व्यापारी प्रकोष्ठ संयोजक, 3 साल जिला मंत्री,वर्तमान में जिला उपाध्यक्ष हैं। लगातार भाजपा के लिए कार्य करते हुए जमीनी स्तर के नेता का गुण प्रदर्शित करते हैं। प्रदेश स्तर के बड़े नेताओं का संरक्षण मिल सकता है।
नकारात्मक पक्ष : नेताओं के आपसी खींचतान के कारण स्थानीय नेताओं का साथ नहीं मिलेगा,आम जनता के बीच अच्छी छवि, अच्छी पकड़ के बावजूद स्थानीय नेताओं के समर्थन का अभाव प्रश्नवाचक चिन्ह लगाता है।

भाजपा पूर्णरूपेण संगठन पर आधारित पार्टी है। लगातार अपने संगठन और अपने कार्यकर्ताओं के कार्यों पर नजर रखती है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की कार्यशैली के अनुसार ही प्रदेश नेतृत्व भी राज्य में संगठन का रूप तय करेगा। पार्टी की रीति नीति के अनुसार पार्टी अपने स्तर पर सभी का आंकलन कर रही है। देखना यह दिलचस्प होगा कि उक्त किसी चेहरों में से पार्टी अपना जिलाध्यक्ष चुनती है या किसी अन्य चौकाने वाले चेहरे को जिलाध्यक्ष बनाती है।