सक्ती में धड़ल्ले से बेखौफ चल रहा ईंट भट्ठों का अवैध कारोबार

शासन के आदेशों की उड़ रही धज्जियां
ईट भट्टे का कारोबार करने की मची जमकर होड़
सक्ती – सक्ती जिला मुख्यालय सहित नगर के चारों ओर ईट भट्टों का कारोबार जोरों पर चल रहा है। ईंट भट्टा संचालक शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बिना लाइसेंस के कई ईंट भट्टे संचालित हो रहे हैं। ईट भट्टों के संचालक मोटी रकम की कमाई कर रोज मालामाल हो रहे हैं, वहीं शासन प्रशासन को लाखों रुपये की राजस्व क्षति हो रही है। पूरे जिले में ईट भट्टे के कारोबार करने की जमकर होड़ मची हुई है, जबकि शासन के निर्देशानुसार ईंट भट्टे लगाने के लिए बाकायदा शासन से परमिशन ली जाती है दूसरी बात यह है कि इन ईट भट्टों में लकड़ी और कंडे का उपयोग ना कर चिमनी और कोयले से इन्हें पकाया जाता है वहीं रहवासी बस्ती से इनकी दूरी लगभग 3 किलोमीटर दूर रखी जाती है, लेकिन वर्तमान में दर्जनों ईट भट्टे नियमविरूद्ध संचालित हो रहे हैं जो अवैध रूप से शासन को लाखों का चूना लगा रहे हैं। सक्ती जिला मुख्यालय अंतर्गत हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी हरेठी में प्रशासन की नाक के नीचे अवैध ईंट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है और राजस्व और खनिज विभाग मूक दर्शक बने बैठे हैं। यहां मोनू पांडे के द्वारा कथित रूप से अधिकारियों से सांठगांठ कर कर धड़ल्ले से अवैध रूप से भट्टे का कारोबार किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि यहां संचालित अवैध ईट भट्ठों के बारे में राजस्व और खनिज विभाग के अधिकारियों को भनक नहीं रही है। इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने से इन अवैध ईट भट्टा संचालकों के हौसले बुलंद हो चले हैं। ऐसी स्थिति में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि राजस्व और खनिज विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर उनकी शह पर इनका अवैध संचालन किया जा रहा है।
आज तक नहीं हुई ठोस पहल
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आज तक इन अवैध कारोबारियों के विरूद्ध बड़ी कार्यवाही के नाम पर अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई, तभी तो मोनू पांडेय जैसे लोग अपने मंसूबों को अंजाम देने में जुटे हैं, जिससे लाखों रुपये राजस्व क्षति पहुंच रही है। वहीं विभागीय अफसर तटस्थ रहकर मूकदर्शक बने हुए हैं। उनके द्वारा छिटपुट कार्यवाही करके अपने अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लिए जाने से प्रशासन को लाखों का चूना लग रहा है, जो समझ से परे है। ईंट भट्टे के संचालन से कोयले से उडऩे वाला धुंआ आसपास के पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है।
नदी किनारे चल रहा ईंट भट्ठों का कारोबार
ईंट भट्टा संचालकों द्वारा नदी किनारे ईट भट्टों का संचालन किया जा रहा है। ग्राम पंचायत सिंघनसरा, मोंहदी, डिक्सी में बोराई नदी के किनारे अवैध रूप से ईट भट्टे संचालित हो रहे है। ग्राम पंचायत पोरथा, डोडक़ी, नवापारा, रगजा, मसनिया, देवरमाल, असौंदा, बरपाली में अवैध ईंट भट्टों का संचालन हो रहा है। ऐसा नहीं हैं कि इसकी जानकारी खनिज विभाग एवं राजस्व विभाग को नहीं है, परन्तु कथित रूप से इनकी साठगांठ और मिलीभगत से यह व्यवसाय फलित हो रहा है। ईट भट्टा संचालकों को खनिज विभाग से ईट बनाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। साथ ही पर्यावरण विभाग की भी अनुमति लेनी पड़ती है, लेकिन क्षेत्र में संचालित ईट भट्टों में शासकीय नियमों के पालन की अनदेखी कर बड़ी मात्रा में ईंटों का निर्माण कर बेचने का कार्य जोरों पर है। इससे खनिज विभाग को लाखों रूपये की क्षति हो रही है।
प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से प्रतिवर्ष ईट भट्टों संचालकों की संख्या बढ़ती जा रही है। कई ठेकेदारों द्वारा एक जगह की अनुमति लेने के बाद कई जगहों पर ईंट भट्ठे संचालित किये जा रहे हैं। ऐसे ईंट भट्ठों को बंद कराने में खनिज व राजस्व विभाग के अधिकारी अक्षम साबित हो रही है। इन अवैध ईटों को पकाने के लिए अधिकांश जगहों पर अवैध कोयला खरीदी कर इसका उपयोग ईट भट्टा संचालकों द्वारा किया जाता है। साथ ही कई जगहों पर बड़े बड़े वृक्षों को भी इसकी बलि चढ़ा दी जाती है। नदी किनारे मिट्टी को काटकर नदी को क्षति पहुंचाई जा रही है।
जल्द हो सकती है बड़ी कार्यवाही
अवैध ईट भट्ठों के कारोबार के संचालन की खबर जिले में इन दिनों सुर्खियों में है। जल्द ही इनके विरूद्ध बड़ी कार्यवाही होने की पूरी संभावना है। इस संबंध में जिले के खनिज निरीक्षक का कहना है कि उनके द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है, यदि इस तरह के भट्ठों का संचालन सक्ती क्षेत्र में किया जा रहा है तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।