रेल्वे टिकट लेने के लिए चिलचिलाती धूप मे यात्रियों को जाना पड़ता है

टिकट काउंटर के बगल में लगी ठंडे पानी की मशीन में पानी व प्लेटफार्म नंबर 2 में पानी की मशीन में छाया की व्यवस्था नहीं होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है

सक्ती – सक्ती को भले ही जिले का दर्जा प्राप्त हो गया है लेकिन यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है , अगर हम सक्ती के रेलवे स्टेशन की बात करें तो यहां पर रेल यात्री आज भी मूलभूत सुविधाओं के नाम पर अपने को ठगा महसूस करते हैं, आजादी के बाद से लेकर आज तक सक्ती रेलवे स्टेशन में यात्रीगण मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होते प्रतिदिन दिखते हैं । सबसे पहले अगर हम सक्ती रेलवे स्टेशन की बुकिंग कार्यालय की बात करें तो यहां पर टिकट लेने के लिए बुकिंग ऑफिस तक यात्रियों को चिलचिलाती धूप मे जाना पड़ता है क्योंकि यहां पर किसी भी प्रकार की छाया शेड की सुविधा नहीं है, जिससे यात्रीगण ट्रेन में सफर करने के पूर्व ही परेशानियां चालू हो जाती है । इसी क्रम में इन दिनों पड रही भीषण गर्मी में यात्रियों को सबसे ज्यादा जरूरत पीने के पानी की होती है अगर इस समय इन्हें ठंडा पानी मिल जाए तो कहना ही क्या….कुछ दिन पूर्व ही बुकिंग कार्यालय के बगल में रेलवे विभाग एवं सक्ती अग्रवाल सभा के देखरेख में शहर की प्रतिष्ठित फर्म स्व. सत्यनारायण अग्रवाल एवं श्रीमती विद्या देवी की स्मृति में सत्य विद्या ज्वेलर्स के द्वारा पीने के लिए ठंडे पानी की मशीन लगाई गई है लेकिन उसमें से तो पानी ही नहीं निकल रहा है.. जिससे लोगों को पीने के लिए ठंडा पानी नहीं मिल पा रहा है, इसी प्रकार शहर के प्लेटफार्म नंबर एक में स्व. हरिराम निगानिया की स्मृति में श्याम मेडिकल के द्वारा ठंडे पानी की मशीन लगाई गई है ,, हां इसमें जरूर यात्रियों को पीने के लिए ठंडे पानी का लाभ मिल रहा हैं…। इसी प्रकार प्लेटफार्म नंबर 2 पर शहर की प्रतिष्ठित फर्म बनवारी लाल प्रेमचंद के द्वारा पीने के लिए ठंडे पानी की मशीन लगाई गई है . इसमें जरूर ठंडा पानी निकल रहा है लेकिन वहां पर किसी भी प्रकार की छाया सेड की व्यवस्था नहीं होने से चिलचिलाती धूप में यात्रियों को इसका लाभ कम ही मिल रहा है, आज जब हमने बिलासपुर जा रहे परिजनों से बात करी तो उन्होंने कहा कि ठंडे पानी की आवश्यकता तो है लेकिन धूप में जाने की इच्छा नहीं हो रही है, प्लेटफार्म नंबर 2 में सेड छाया की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है यहां पर प्लेटफार्म नंबर दो में सेड की व्यवस्था होना अति आवश्यक है । उसके बाद परेशानियों के बढ़ते क्रम में अगर यात्रीगण किसी तरह से अपने परिवार के साथ चिलचिलाती धूप का सामना करने के बाद प्लेटफार्म नंबर एक या नंबर दो पर किसी तरह पर जाते है तो सीढिया चढते चढते उनकी सांसे फूलने लगती है, क्योंकि यहां ऊंची ऊंची सीढी चढ़ने के बाद ही प्लेटफार्म नंबर एक या दो पर पहुंचा जा सकता है , अगर परिवार के साथ में कोई वरिष्ठजन है तो उनकी परेशानियों को वह ही समझ सकते है सीढ़ियां चढ़ते चढ़ते बच्चे और जवानों की भी सांसे फूलने लगती है यही सब सोच कर बहुत से लोगों ने तो ट्रेन से यात्रा करना ही बंद कर दिया है । उसके बाद परेशानियों के बढ़ते क्रम में हम अगर प्लेटफार्म मे शौचालय की बात करें तो वह भी हर समय गंदगी का साम्राज्य बना रहता है। प्लेटफार्म में लगे पंखे भी कभी कभी मौसम को देखकर चलते हैं। बहरहाल रेलवे विभाग एवं जनप्रतिनिधियो के बेरुखी रवैया से यात्रियों को बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना सक्ती रेलवे स्टेशन मे करना पड़ता है।