मानसिक एवं शारीरिक रूप से अशक्त नाबालिक से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा

फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय

सक्ती ‌। फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने 12 वर्ष 7 माह की नाबालिग बालिका जो मानसिक और शारीरिक रूप से अशक्त हैं ,के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है। विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि अभियोक्त्री जब घर में अकेली थी उसके माता पिता एवं भाई खेत में धान काटने के लिए गए थे उसी का लाभ उठाकर अभियुक्त नाबालिग बालिका को अकेली जानकर नाबालिग बालिका के घर में घुस कर उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया । उसी समय नाबालिग बालिका के भाई घर में आ गया जिसे देखकर अभियुक्त उसे धक्का मारते हुए भाग गया । नाबालिग बालिका के भाई ने घर के अंदर जाकर देखा तो उसकी बहन के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था । उसके भाई ने पूछताछ किया तो नाबालिक बालिका ने बताई की वह स्नान कर रही थी तो अभियुक्त जबरदस्ती उसे कमरे में ले गया और उसका सारा कपड़ा निकाल कर जबरदस्ती उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया है । नाबालिग बालिका के माता ने भी अभियुक्त को भागते हुए देखा था तथा अपनी पुत्री से घटना के संबंध में पूछताछ करने पर उसके साथ जबरदस्ती अभियुक्त द्वारा बलात्कार किया जाना बताई थी । घटना की रिपोर्ट नाबालिग बालिका के भाई द्वारा थाना में दर्ज कराया गया था । पुलिस द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध त्वरित अपराध पंजीबद्ध कर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में पेश किया गया था । विशेष न्यायालय सक्ती ने उभय पक्षों को अपने पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया।

अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह से परे प्रमाणित कर दिए जाने से विशेष न्यायाधीश द्वारा अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 450 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 विकल्प में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 की उप धारा 2 (झ) के आरोप में सिद्ध दोष पाते हुए दोष सिद्ध घोषित किया गया है । विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने अभियुक्त हेमंत कुमार महिलांगे पिता मंगलू राम उम्र 20 वर्ष को भारतीय दंड संहिता की धारा 450 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 रूपये का अर्थ दंड तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के अपराध के लिये 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹10,000 रुपये की अर्थदंड से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने किया ।