दिव्यांग युवती से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की कठोर सजा

फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय
सक्ती । फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने दिव्यांग युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है। विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि अभियोक्त्री बचपन से अपनी दादी के साथ रहती है, दिव्यांग है, शारीरिक मानसिक रूप से निशक्त है एवं टूटी-फूटी शब्दों में थोड़ी-थोड़ी हकला कर बोलती एवं सुनती है जिसके इशारों को उसकी दादी समझती है। उसकी दादी प्राइमरी स्कूल में खाना बनाने का काम करती है। दिनांक 23 सितंबर 2021 को सवेरे 10 बजे अभियोक्त्री की दादी खाना बनाने स्कूल चली गई थी तथा घर में अकेले दिव्यांग अभियोक्त्री थी । उसकी दादी जब स्कूल से दोपहर 2:30 बजे घर वापस आई तो अभियोक्त्री ने रोते-रोते अपनी दादी को बताई कि गांव का अभियुक्त चैनू राम निराला करीब 12:00 बजे दिन में घर में जबरन घुसकर उसे जमीन में लिटा कर उसके कपड़ा खोल कर उसके साथ बलात्कार संभोग किया है, जिससे वह चीखी चिल्लाई, आस-पास में कोई नहीं थे । तब उसके दादी ने घटना के संबंध में अपने बेटे अभियोक्त्री के पिता को तथा गांव के अन्य व्यक्तियों को एवं पंच को बताई तथा अभियोक्त्री को साथ में लेकर उसके दादी ने थाना में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई जिस पर पुलिस द्वारा तत्परता से अभियुक्त के खिलाफ धारा 376 ,452, 376 (2)(1 ) भारतीय दंड संहिता का अपराध पंजीबद्ध कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज कर प्रकरण में विवेचना किया गया तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया था । अभियोजन द्वारा अपने सभी महत्वपूर्ण 15 गवाहों को न्यायालय में पेश किया गया । विशेष न्यायालय शक्ति में उभय पक्षों को अपने पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया। अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह से परे प्रमाणित कर दिए जाने से विशेष न्यायधीश द्वारा अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 450 एवं 376 की उप धारा – 2 (ठ) के आरोप में सिद्ध दोष पाते हुए दोष सिद्ध घोषित किया गया है । विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने 52 वर्षीय वृद्ध अभियुक्त चैनूराम निराला पिता सुकालू राम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 की उप धारा – 2 (ठ) के अपराध के लिये आजीवन कारावास अर्थात अभियुक्त के शेष प्राकृत जीवन काल के लिए कारावास एवं ₹1000 की अर्थदंड तथा धारा 450 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थदंड से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने किया ।