जिला मेडिकल बोर्ड का आम जनता को नहीं मिला रहा है लाभ

सक्ती । जिला मुख्यालय निर्माण हुए विगत दो वर्ष पूर्ण हो चुका है लेकिन अभी भी लोगों को जिला मेडिकल बोर्ड सहित अन्य कार्यों के लिए लोगो को करीब 50 किलोमीटर दूर जांजगीर का चक्कर काटना पड़ रहा है । आपको बता दे कि शासन द्वारा सक्ती के मातृत्व शिशु अस्पताल को जिला अस्पताल के तर्ज पर सुविधा मुहैया करने का सुविधाएं प्रदान की गई है लेकिन लोगों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा है । गौरतलब हो कि सक्ती में शासन द्वारा सिविल सर्जन की पद स्थापना की गई है । जिसके पद पर डा. संतोष कुमार पटेल की पदस्थापना की गई है । डाँ संतोष कुमार पटेल पूर्व में पत्थलगांव में भी कार्य कर चुके हैं जहां पर उनकी कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग गया था। इसके बाद इनकी पदस्थापना सक्ती जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा में हुई थी जिनमें डॉ संतोष कुमार पटेल आए दिन विवादों में रहे है । डाक्टर पटेल का विवादों से पुराना नाता रहा है हाल ही में सक्ती कलेक्टर अमृत विकास टोपनो ने उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा का बीएमओ बना कर भेजा था । जिनमें महिला चिकित्सकों ने उन पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। जिसे कलेक्टर के तत्काल संज्ञान में लेते हुए उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा के प्रभारी बीएमओ से हटा कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैजैपुर किया था। चूंकि डॉ संतोष कुमार पटेल के पूर्व शिकायतों एवं तानाशाही रवैए को देखते हुए जैजैपुर के कर्मचारियों ने पुरजोर विरोध किया था। जिसे कलेक्टर से उक्त आदेश को निरस्त करते हुए उन्हें डा संतोष पटेल को मूल पद सिविल सर्जन के पद पर कार्य करने हुए आदेशित किया था। लेकिन अभी वर्तमान स्थिति में आपको सिविल सर्जन के कार्यालय तक देखने को नहीं मिलेगा इससे अंदेशा लगाया जा सकता है कि डा.संतोष कुमार पटेल अपने कार्य में कितने सक्रिय है । इनके द्वारा शासन को चुना लगा कर बिना कार्य किए हुए शासकीय कोष से फ्री में तनख्वा के रहे है । जो कि हमेशा अपने कार्य और कर्तव्य में उपस्थित न रहते हुए बल्कि किसी राजनीतिक कार्यक्रम या किसी अन्य कार्यक्रम में जा कर नेताओं जैसा भाषण देते हुए बड़े बड़े डिंग हांकने में कोई कसर नहीं छोड़ते है तथा स्थानीय नेताओं के चापलूसों से फुर्सत नहीं है । पूर्व में भी डॉ पटेल के ऊपर करोनाकाल में कार्य न करने पर शासन के द्वारा उनके उपर एफ आई आर कराया था । डॉ पटेल को गरियाबंद ट्रांसफर किया था, जहां अपने कार्य में उपस्थित न होते हुए चंद्रपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयार कर रहे थे। डा संतोष पटेल के द्वारा 2023 में जगह जगह डॉ संतोष पटेल चंद्रपुर विधायक प्रत्याशी 2023 की होर्डिंग सहित विजिटिंग कार्ड छपवाए थे । डा संतोष पटेल की सिविल सर्जन की पदस्थापना के बाद लोगों को जिला अस्पताल में मेडिकल बोर्ड संबंधित किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है। जिससे लोगों में असंतोष बढ़ते जा रहा है।