सक्ती

सक्ती क्षेत्र में जोरो से चल रहे धर्मांतरण को लेकर एवं विभिन्न विषयों पर हुई बैठक में चर्चा

धर्मांतरण को लेकर सर्व हिंदू समाज प्रमुखों की बैठक हुई संपन्न

सक्ती ‌।‌ अविभाजित जांजगीर-चांपा जिले के समय से सक्ती का धर्मांतरण को लेकर गहरा नाता रहा है, तथा सक्ती सहित पूरे क्षेत्र में जहां धर्मांतरण का कार्य जोरों से चल रहा है, तो वही धर्मांतरण को लेकर आनेको बार हिंदू संगठनों ने आंदोलन भी किए हैं, तथा विगत वर्षों में एक बार रेलवे स्टेशन के नजदीक ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण की मंशा से आयोजित किए जाने वाले एक बड़े पंडाल रूपी कार्यक्रम को भी हिंदू संगठनों ने विरोध कर उसे बंद करवा दिया था, बाद में अंततः उपरोक्त कार्यक्रम को प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद स्थगित करना पड़ा, किंतु इसके बावजूद आज सक्ती शहर में भी अनेकों मोहल्ले ऐसे हैं जहां गरीब परिवारों को प्रलोभन देकर विगत कई वर्षों से निरंतर धर्मांतरण का कार्य करवाया जा रहा है, तथा ग्रामीण इलाकों में भी धर्मांतरण का काम तेजी से चल रहा है, किंतु आज पर्यंत तक प्रशासन की कोई कार्रवाई नहीं होने से सक्ती क्षेत्र में जोरो से गरीब परिवारों को प्रलोभन देकर उन्हें धर्म परिवर्तन करवाए जाने की समय समय पर चर्चाएं जोरों से सुनने को मिलती है, तथा इसी धर्मांतरण पर अंकुश लगाने की सोच से जिला मुख्यालय सक्ती में हिंदू समाज के सर्व समाज प्रमुखों की बैठक कनौजिया राठौर समाज सामुदायिक भवन पोरथा में संपन्न हुई
सक्ती जिले में हो रहे धर्मांतरण के गंभीर विषय को लेकर के आयोजित बैठक को मुख्य वक्ता के रूप में महामंडलेश्वर सर्वेश्वर दास जी महंत, धर्म जागरण छत्तीसगढ़ के प्रांत प्रमुख राजकुमार चंद्रा ने इस संवेदनशील विषय के संबंध में रोकने हेतु अपने अपने विचार प्रस्तुत कर इसे हर हाल में रोकने की बात कही,प्रथम उद्बोधन सक्ती विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक और हिंदू सर्व समाज सक्ती के जिला संयोजक डॉ. खिलावन साहू ने धर्मांतरण क्यों हो रहे हैं इसके कारण क्या है,इसके रोकने के उपाय क्या-क्या हो सकते हैं इस संबंध मैं अपना विचार रखें और लोगों से इस विषय में अपनी बात रखने का आग्रह किया,कार्यक्रम को कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष पंडित देवेंद्रनाथ अग्निहोत्री एवं किसान नेता प्रीतम सिंह गबेल ने भी इसके पीछे संस्कार को एक बड़ा कारण बताया, मिशनरी धर्म प्रचारक रहे पूर्व पास्टर के रूप 20 वर्षो से अधिक अपने जीवन का कीमती समय देने वाल फागूराम खूँटे और अशोक रात्रे ने मिशनरी सडयंत्र से बाहर आकर सनातन संस्कृति और धर्म को अपनाकर आपबीती सुनाया और आजीवन सनातन धर्म और संस्कृति का प्रचार करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से बाबूलाल सिंह ,श्रीमती कमलेश जांगड़े, श्रीमती विद्या सिदार, श्रीमती मोहन कुमारी साहू ,चुडामणी राठौर, लखन चंद्रा ,गणेश राम चंद्रा, विनोद यादव ,डॉ पूरन साहू ,डॉ राजू यादव ,गोविंद चंद्रा,आनंद दास महंत,दीपक ठाकुर,श्रीमती राम कुंवर साहू,सर्वजीत सिंह,फागूराम खूंटे,अशोक रात्रे,जय प्रकाश साहू, श्याम चौहान ,ठाकुर राम मनहर, राम नारायण गौतम,धरम रात्रे,दाऊ राम राठौर, प्रदीप गुप्ता,रवि गवेल,धर्मेंद्र पटेल, डॉ. राजेंद्र गिरी,ब्यास पटेल, बसंत सूर्या,तुलेश साहू,सत्येंद्र सोनी,गोपी राम बरेठ,ओम प्रकाश राठौर,संतोष चौहान,मोहन दास महंत, विज्ञान दासमहंत,घनश्याम चंद्रा,गुहा राम केंवट, टिकेश डनसेना, नागेश दिनकर, राम सिंह राठौर ,मोहन राठौर, शिव राठौर, अरविंद भार्गव आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।