अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत मना रहा है स्वर्ण जयंती वर्ष

१३ अक्टूबर रविवार को घनश्याम वाटिका सक्ती में प्रथम जिला सम्मेलन
सक्ती । भारतीय संस्कृति व परंपरा के साथसाथ हमारे जीवन संसाधनों में विदेशी आक्रांताओं का व्यापक दुष्प्रभाव पड़ा और हमारे पूर्वजों के समय उपलब्ध जीवन संसाधन बुरी तरह से प्रभावित हुए अर्थात जहां हमारे पूर्वज अपने जीवन यापन के लिए नमक को छोड़ हर चीज अपने हाथों से प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर प्राप्त कर लेते थे तथा आज के तथाकथित बाजारवादी व्यवस्था का प्राचीन समाज में कोई अस्तित्व ही नहीं था, परंतु आज हम अन्नजल के साथ कपड़ा मकान हर चीज के लिए बाजारवादी व्यवस्था के गुलाम हो चुके हैं और जन्म से ही बाजारवादी व्यवस्था के तथाकथित ग्राहक बनकर रह गए हैं तथा असंगठित ग्राहक होने से नित प्रतिदिन तथाकथित बाजारवादी व्यवस्था के शोषण के शिकार हैं। भारतीय जनमानस के इसी शोषण को दृष्टिगत रखते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने ग्राहकों को अपने हक के प्रति जागरूक करने लिए अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के स्थापना के साथ आज संगठन का स्वर्ण जयंती वर्ष के साथ ५० साल से ग्राहक हित हेतु प्रयत्नशील है जिसके माध्यम से जनमानस संगठित होकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने के साथ शोषण के खिलाफ कार्यकर्ता सफलता की मंजिल तय करे रहे हैं।
यह जानकारी देते हुए उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने बताया कि इसी तारतम्य में अपने नवीन जिला सक्ती में भी ग्राहक पंचायत संगठन के साथ जुड़कर स्थानीय स्तर पर बाजारवादी व्यवस्था के शोषण के खिलाफ अपनी हक के लिए आवाज बुलंद कर खुद न्याय पाने के साथ औरों को न्याय दिला सकते हैं। इस हेतु अपरान्ह एक बजे रविवार १३ अक्टूबर २०२४ को घनश्याम वाटिका ऑफिसर्स कॉलोनी सक्ती में नवीन जिला सक्ती में संगठन की प्रथम बैठक आयोजित की गई है जिसमें अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रांत संगठन मंत्री राकेश चंद्राकर एवम् महिला प्रमुख सुनीता मानिकपुरी का प्रवास हो रहा है अतः समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन में रुचि रखने वाले स्वयंसेवी बंधुओं से आग्रह है कि आप सब इस अवसर पर उपस्थित होकर ग्राहक के विधिक अधिकार और कर्तव्य के प्रति जागरूक होकर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत संगठन के साथ बाजारवादी व्यवस्था के शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करें।