सक्ती

सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय सक्ती में बिरसा मुंडा जयंती पर चित्रकला, रंगोली, भाषण व नृत्य कार्यक्रम का किया गया आयोजन

जल, जंगल, जमीन के संरक्षण के लिए संघर्षशील रहने वाले प्रथम जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी थे बिरसा मुंडा – चितरंजय

सक्ती ‌। जल, जंगल व जमीन के संरक्षण के लिए संघर्ष करते हुए स्वतंत्रता आंदोलन में महती भूमिका निभाने वाले जनजाति समुदाय के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के जन्म दिवस १५ नवंबर को जनजाति गौरव दिवस की गरिमा प्रदान करने वाले यशस्वी प्रधानमंत्री का यह निर्णय स्वागतेय है यह बात जनजातीय गौरव दिवस समारोह में कहते हुए सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय सक्ती के व्यवस्थापक अधिवक्ता चित्रंजय पटेल ने विद्यार्थियों के समक्ष बिरसा मुंडा के बलिदान की गाथा सुनाई।
विद्यालय के सभागार में जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में विद्यार्थियों ने चित्रकला, रंगोली एवम् भाषण प्रतियोगिता में भाग लेकर बिरसा मुंडा के सजीव चित्र बनाए जिसमें चित्रकला में अनुश्री महंत प्रथम, अंजना रैदास द्वितीय, अनुष्का चौहान तृतीय तो वहीं रंगोली में प्रथम डिंपल टंडन व सौम्या राठौर रही। परिणीति कास्यकार, दीपाली यादव व दिशा साहू की चित्रों को भी लोगों ने बहुत पसंद किया तथा भाषण में तृषा देवांगन की प्रस्तुति तारीफ ए काबिल रही ।
पश्चात् मंचीय कार्यक्रम में पूर्व माध्यमिक के भैया बहनों द्वारा प्रस्तुत आदिवासी नृत्य बिरसा रे…ने खूब वाहवाही बटोरी । कार्यक्रम का संचालन बहन मुस्कान गोयल व शशि कुशवाहा ने किया तो वहीं आभार प्रदर्शन प्राचार्य चूड़ामणि साहू ने किया। जनजातीय गौरव दिवस समारोह का शुभारभ मां सरस्वती, भारत मांता व बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन व दीप मंत्र के साथ हुआ जिसे गरिमामय बनाने में आचार्या सावित्री महंत, इंदू क्षत्रिय, भारती यादव, बिरिछ राम बरेठ के साथ सभी आचार्य आचार्या का महत्वपूर्ण योगदान रहा।