

कोरबा l भगवान हमेशा भक्ति के ही वशीभूत हैं l उनके अवतार का मुख्य उद्देश्य धरती से पाप के भार को उतारना और सनातन धर्म की रक्षा करना है l जब जब धरती पर अत्याचार और धर्म बढ़ता है, तब धरती मैया गौ माता का रूप धारण कर भगवान से अवतार लेने प्रार्थना करती है, तब अजन्मा कहलाने वाले भगवान अवतार लिया करते हैं l संसार के समस्त प्राणियों का जन्म अपने अपने कर्मों के कारण होता है, किंतु भगवान का अवतार तो करुणा वश धर्म की स्थापना करने के लिए होता है l यह उद्गार भिलाई बाजार कोरबा में आयोजित श्री कृष्ण अवतार की कथा श्रवण करते हुए व्यास पीठ से आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने प्रकट किया l
चौथे दिन की कथा में आचार्य के द्वारा समुद्र मंथन , वामन अवतार, श्री राम चरित्र एवं कंस के कारागार में श्री कृष्ण के प्राकट्य का वर्णन करते हुए बताया कि, सर्वस्व समर्पण का भाव रखने पर परमात्मा भी दानदाता के ऋणी बन जाl जोे हैं l राजा बलि ने वामन भगवान के दो पैग में स्वर्ग और धरती को दान में दे दिया तथा तीसरा पग अपने सिर पर ही रखवाया और कहा कि हे प्रभु मुझे अपना बना लीजिए और मैं आपका बन जाऊं l
सर्वस्व समर्पण का भाव देखकर वामन भगवान ने राजा बलि को पाताल का राजा बनाया, और स्वयं राजा बलि के भवन में पहरेदार बन गए, तथा हमेशा के लिए राजा बलि को चिरंजीवी बना दिया l आचार्य ने आगे बताया कि श्रीराम तो साक्षात धर्म की मूर्ति है, और वह ही संसार रूपी भवसागर से पर लगाने के लिए एक तारक नाम है l जो पत्थर स्वयं डूब जाते हैं और उनका सहारा लेने वाला भी डूब जाता है, किंतु उन्हें पत्थरों पर राम का नाम लिखने से, पत्थर समुद्र में तैरने लग गए, यही राम नाम की महिमा है l भगवान श्री राम के जीवन आदर्शो को प्रत्येक मनुष्य को आत्मसात करने की आवश्यकता है, श्री राम ने अपने जीवन में जो किया वह सभी को करना चाहिए, लीला पुरुषोत्तम श्री कृष्ण ने जो कहा उसे मानने की आवश्यकता है l भारत भूमि अर्पण दर्पण और समर्पण की भूमि है, यह कोई भोग भूमि नहीं है l भारत के सुप्रभात का पहला शब्द है राम-राम l केवल श्री राम को जानने से ही काम पूर्ण नहीं होगा हमें उनका मनाना भी होगा,प्रतिदिनप्रातः अपने से बड़ों का प्रणाम कर आशीर्वाद लेने से जीवन के लक्ष्य पूर्ण होते हैं, प्रणाम का बीज बोकर के ही आशीर्वाद के फसल काटे जा सकते हैं, यही हमारी अति विशिष्ट संस्कृति है l
प्रतिदिन की कथा में भिलाई बाजार और आसपास के ग्रामों से सैकड़ो श्रोता कथा श्रवण का पुण्य लाभ और जीवंत झांकियां का दर्शन कर रहे हैं l इस अवसर पर पंडित केसरी दुबे , हीरा पदम पटेल, पार्वती मनीराम साहू, श्रीमती शांति कश्यप, श्रीमती अरुणa साहू , श्रीमती खुशबू देवांगन, श्रीमती शैलजा , श्रीमती रंजीतa साहू, श्रीमती ममता मिश्रा, श्रीमती ममता जायसवाल , श्रीमती कनक जायसवाल , श्रीमती आशा बजरंग सोनी , श्रीमती वर्षा सुरेश सोनी, विशेश्वर बारेठ गंगाराम श्रीवास , गोपाल राठौर, नरेंद्र कुमार राठौर एवं सैकड़ो श्रोता उपस्थित थे l श्रीमद् भागवत कथा के आयोजक श्रीमती मीरा सिंह राजपूत, श्रीमती शकुंतला विशाल राजपूत, श्रीमती स्नेह लता कामेश्वर राजपूत द्वारा प्रतिदिन अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण करने की अपील की गई है l