न्यायालय मे झूठा शपथ पत्र पेश करना पड़ा महंगा: न्यायाधीश ने सुनाई 3 साल की सजा – आरोपी को भेजा जेल

सक्ती । सक्ती मे एक व्यक्ति को न्यायालय में झूठा शपथ पत्र और दस्तावेज के आधार पर वाहन सुपुर्दनामें में प्राप्त करना महंगा पड़ गया। न्यायालय ने झूठा शपथ पत्र पेश करने वाले आरोपी टेकचंद जायसवाल को 3 साल के कारावास और 1000 रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई थी। आरोपी ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सक्ती के न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय मे द्वितीय अपील पेश किया था। जिसे न्यायालय ने अस्वीकार करते हुए आरोपी को जेल भेज दिया है। मामला सक्ती थाना क्षेत्र का है।
न्यायालयीन सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सक्ती निवासी टेकचंद जायसवाल ने दिनांक 19/09/1994 को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सक्ती के न्यायालय मे आवेदन व झूठा शपथ पत्र पेश कर सक्ती के अपराध क्रमांक 185/1994 में जप्त शुदा जीप क्रमांक MP 26 A 4002 को अपना बताकर सुपुर्दनामें मे प्राप्त किया था।
सक्ती निवासी जगदीश प्रसाद (मंडी) ने इस आशय की शिकायत सक्ती थाने में की थी कि सक्ती निवासी टेकचंद जायसवाल ने वाहन के संबंध में झूठा दस्तावेज तैयार कर न्यायालय मे पेश कर जीप को सुपुर्दनामें में प्राप्त किया है। जगदीश प्रसाद की रिपोर्ट पर सक्ती थाना मे धारा 420, 467, 468 का अपराध दर्ज कर विवेचना मे लिया था। विवेचना दौरान पता चला की उक्त वाहन का असली पंजीकृत स्वामी आर.टी.ओ. बिलासपुर के अनुसार श्रीकांत कांडेकर जनता कालोनी नेहरू नगर बिलासपुर है। न्यायालय में सुपुर्दनामा लेने के लिए दर्शाया गया नंबर लूना मोपेट का है। टेकचंद जायसवाल ने अपने पुत्र समीर जायसवाल को वाहन का मालिक बताकर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय से सुपुर्दनामें पर जीप प्राप्त किया है।
अपर सत्र न्यायाधीश ने अपील को किया खारिज
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सक्ती के न्यायालय ने सभी पक्षों के तर्क सुनने और विचारण पश्चात धारा 420 के तहत आरोपी टेकचंद जायसवाल को न्यायालय मे झूठा शपथ पत्र पेश करने के लिए 3 वर्ष के सश्रम कारावास और 1 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित करने का निर्णय पारित किया था। जिसके बाद आरोपी टेकचंद जायसवाल ने अपर सत्र न्यायाधीश सक्ती श्रीमती ममता भोजवानी के न्यायालय में द्वितीय अपील पेश किया था। जिसपर न्यायालय ने अपील को अस्वीकार करते हुए आरोपी टेक चंद जायसवाल को जेल भेज दिया। प्रकरण का अन्य आरोपी समीर जायसवाल आज भी फरार है।