सक्ती

दुल्हन साड़ी के संचालक विकास अग्रवाल ने नगरवासियों से की अपील


सक्ती- भारत में धर्म के नाम पर लोगों को आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है। श्रद्धा अच्छी बात है लेकिन अंधविश्वास के चक्कर में पढक़र कई लोग मूर्ख भी बन जाते हैं। ऐसे ही लोगों का फायदा उठाते हैं कुछ शातिर चोर। भारत में कई बार ऐसी खबरें सुनने को आती हैं, जहां साधु के भेष में आम नागरिकों को बेवकूफ बनाया जाता है लोग भी इसके वेशभूषा के चक्कर में फंसकर आसानी से इनका शिकार बन जाते हैं।

आज असली से ज्यादा नकली साधु-बाबाओं की भीड़ आपको नजर आ जाएगी। ये बाबा कभी बड़े स्टेज पर सत्संग देते नजर आते हैं तो कुछ छोटे-मोटे गली मोहल्लों के कीर्तन में दिख जाते हैं। सक्ती नगर के गली-मोहल्लों में भी इद दिनों साधु-बाबा के भेष में कई लोग संदिग्ध अवस्था में घूमते देखे जा रहे हैं।
नगर में इन दिनों साधु संतो की वेशभूषा में मांगने वाले घूम रहे हंै जिनको न तो कोई मंत्र उच्चारण करना आता है और न ही वेदों का कोई ज्ञान है, न गायत्री मंत्र का ज्ञान है। इसका जीता जागता उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब नगर की दुल्हन साड़ी में साधु के वेश में कुछ लोग पहुंचे तो संचालक विकास अग्रवाल ने इनसे पूछा वेदों के बारे में गायत्री मंत्र के बारे में तो इनके द्वारा किसी प्रकार से कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया, जिसके बाद उनसे उनका आधार कार्ड मांगा गया तो वे लोग वहंा से भाग निकले।

दुल्हन साड़ी के संचालक विकास अग्रवाल का कहना है कि ऐसे ही कुछ लोगों द्वारा साधुओं का वेष धाारण कर धर्म की आड़ में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। उन्होंंने नगरवासियों से अपील की है कि सभी नागरिक जागरूक रहें, सतर्क रहें। उन्होंने पुलिस प्रशासन से भी इस ओर ध्यान देने की अपील की है।

ऐसे ढूंढते हैं शिकार
ये ठग साधु के भेष में घूमते हैं। गलियों में ये पहले तो लोगों से भिक्षा मांगते हैं। लेकिन अगर मौका मिले तो ये खाली घरों को निशाना बना लेते हैं। घर अगर खाली नहीं भी हुआ और उसका दरवाजा खुला रह जाए तो ये चोर घर के अंदर घुस जाते हैं और लोगों को लूट लेते हैं। ये इतने शातिर होते हैं कि हमेशा ग्रुप में ही घूमते हैं ताकि कोई समस्या होने पर ये एक साथ भागने में सफल हो जाएं।