लूट का अड्डा बनी नगर पालिका 40 लाख रिश्वत लेने का आरोप

सक्ती – नगरपालिका सक्ती और भ्रष्टाचार एक दूसरे का पर्याय बन चुकी है। लगातार भ्रष्टाचार के आरोप नगरपालिका पर लग रहे हैं। इसी कड़ी में विगत दिनों आमंत्रित की गई निविदा इसका ताजा उदाहरण है,भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी कर्मचारीयों की शिकायत उच्च अधिकारियों सहित विभागीय मंत्री से भी की गई है।
शिकायत के अनुसार नगर पालिका परिषद सक्ती के द्वारा निविदा क्रमांक 138303 बुधवारी बाजार से गुरूनानक काम्पलेक्स तक सड़क निर्माण कार्य जिसकी लागत 303.11 लाख रुपए हेतु टेंडर जारी किया गया था। उक्त टेंडर पर गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। आरोप में कहा गया है कि उक्त टेंडर को अधिकारियों एवं ठेकेदार द्वारा मिलीभगत कर नियम कायदों को ताक में रखते हुए एकमात्र निविदा खोली गई है, उक्त एकमात्र निविदा जिसमें लगभग 10 प्रतिशत अधिक की राशि भरी गई है, एवं अन्य सभी निविदाकारों को बिना उचित कारण एवं आपत्ति निराकरण के अपात्र कर दिया गया है। नगरपालिका पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि पूर्व में भी अपने चेहेते ठेकेदार को यही निविदा दिलाने की कोशिश की गई थी परंतु शिकायत होने पर निविदा को निरस्त कर पुनः आमंत्रित किया गया मगर नतीजा वही ढाक के तीन पात ही साबित हुई।
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया है कि इस निविदा में ठेकेदार ने निविदा प्राप्ति हेतु अधिकारियों को लगभग 40 लाख रूपये रिश्वत के तौर पर दिया है ज्ञात हो कि वर्तमान में चल रहे सभी सड़क निर्माण कार्य लगभग 10 से 20 प्रतिशत कम में निविदा प्राप्त किये हैं। उपरोक्त निविदा PWD SOR 2015 के अंतर्गत लगायी गयी है एवं इस बात की सत्यता PWD विभाग से प्राप्त की जा सकती है।
शिकायतकर्ता अमित अग्रवाल ने कहा कि इस निविदा में घोटाला करते हुए 10 प्रतिशत अधिक में निविदा स्वीकार कर लिया गया है जिससे शासन को लगभग 1 करोड़ से अधिक की हानि हो रही है।
शिकायतकर्ता ने अपने पत्र के माध्यम से निवेदन करते हुए कहा कि पूरे प्रकरण की जांच करते हुए दोषी अधिकारियों के ऊपर FIR दर्ज करने हेतु कानूनी कार्यवाही की जाये एवं उपरोक्त निविदा में भाग लेने वाले समस्त निविदाकारों का निविदा फार्म Open कर न्यूनतम दर वाले निविदाकार को निविदा प्रदान किया जाये। ऐसी चर्चा आम है कि पूर्व में भी तथाकथित ठेकेदार को इसी तरह गुपचुप तरीके से निविदा स्वीकृत करते हुए उपकृत किए जाने का प्रयास किया गया था पर शिकायत हो जाने पर निविदा को निरस्त कर दिया गया था।
भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे नगरपालिका पर आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता अमित अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान नगरपालिका में निविदा सेटिंग्स का खेल जमकर खेला जा रहा है और इस खेल में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ साथ विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता।
लगातार भ्रष्टाचार के आरोप पर घिरने के बाद देखने वाली बात यह है कि इस पर उच्च अधिकारी क्या संज्ञान लेते हैं और क्या सचमुच कड़ी कार्रवाई करते हुए नियम विरुद्ध हुए निविदा स्वीकृति को पुनः अमान्य करते हैं या फिर जैसा कि आरोप लगाया गया है उसी तर्ज पर रिश्वत की रकम का बंदरबांट करते हुए कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा।