सक्ती

विश्व जनसंख्या दिवस पर जनसंख्या नियंत्रण पर प्रभावी पहल की मांग

सक्ती – आप कतार में हैं…यह बात भारत देश में अमूमन हर पल हर रोज‌हर कहीं सुनाई देता है, यह बात राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग (लीगल सेल) एवम् अशासकीय विद्यालय प्रबंधक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष चितरंजय पटेल ने विश्व जनसंख्या दिवस पर देश की बढ़ती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज भारत में जन्म से लेकर मृत्यु तक हर पल आप कतार में है…इंतजार करें, की उद्घोषणा अनायास कानों में गूंजती है जिसके पीछे अनियंत्रित व बढ़ती जनसंख्या ही एकमात्र कारण है ।
अगर जनसंख्या वृद्धि की यही रफ्तार रही है तो निश्चित है कि शिशु प्रसव के लिए अस्पताल में कतार तो वहीं मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार की लंबी कतार हमें असहज और व्याकुल कर देगा इसलिए जनसंख्या नियंत्रण हमारे लिए कोई दबाव नहीं है बल्कि सम्यानुकुल और माकूल कदम होना चाहिए ताकि हर व्यक्ति को उसको सुविधाओं के साथ शांतिपूर्ण जीवन जीने का अधिकार मुहैया हो सके। अधिवक्ता चितरंजय ने आगे बताया कि इसका विभत्स पहलू यह भी है कि देश के बहुसंख्यक आबादी परिवार नियोजन के प्रति गंभीर है तो वहीं कुछ लोग आज भी जनसंख्या वृद्धि को अपनी ताकत मानते हैं इन परिस्थितियों में समाज में आर्थिक असंतुलन व अराजकता पैर फैला रही है। इसलिए संपूर्ण समाज के साथ सरकार को जनसंख्या नियंत्रण पर जागरूक होकर समुचित व प्रभावी कदम उठाना लाजिमी है।
विश्व जनसंख्या दिवस पर जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूकता को लेकर परिचर्चा में सभी लोगों ने देश में अबाध गति से बढ़ती जनसंख्या को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए समाज के साथ सरकार को सार्थक कदम उठाए जाने पर बल दिया क्योंकि इस गंभीर विषय पर यह भी चर्चा आम है कि सरकार द्वारा परिवार नियोजन को लेकर गंभीर समाज के परिश्रम से अर्जित आय को अनियंत्रित जनसंख्या के लिए जिम्मेदार लोगों के सुख सुविधा के लिए उपहार स्वरूप इसलिए दे दी जाती है क्योंकि ये तथाकथित लोग सरकार बनाने वाले राजनीतिक दलों के वोट बैंक साबित होते हैं जिस पर भी सरकार की समुचित पहल अपरिहार्य है। विश्व जनसंख्या दिवस पर राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग एवम अशासकीय विद्यालय प्रबंधक कल्याण संघ के लोग जनसंख्या वृद्धि की विभीषिका पर परिचर्चा में शामिल रहे।